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भोपाल: इंदौर में चले दो दिनी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (Global Investor Summit) के सफल आयोजन के बाद अब शिवराज सरकार (shivraj sarkar) ने स्टार्टअप (startups in madhayapradesh) को गति देने के लिए स्टार्टअप्स पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है. इसे लेकर सरकार ने खरीदी के नए नियम बना दिए हैं. इसका मकसद स्टार्टअप्स को पहली प्राथमिकता देना है.
दरअसल अब सरकार के विभाग यदि 1 करोड़ या इससे अधिक राशि की कोई खरीदी करती हैं, तो राज्य के दो हजार से अधिक स्टार्टअप्स को पहले प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए किसी टर्नओवर या अनुभव की बाध्यता नहीं होगी. हाल ही में शुरू हुआ स्टार्टअप्स भी इस प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेगा. एमपी स्टार्टअप पॉलिसी देखने के लिए क्लिक करें..
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विभाग को दिए अधिकार
इसी के साथ शिवराज सरकार ने सरकारी विभागों के खरीदी अधिकार को ढाई गुना तक बढ़ा दिए है. यानी बिना कोटेशन के 50 हजार क्रय समिति की अनुशंसा पर 2.50 लाख तक की खरीदी खुले बाजार से की जा सकती है.
जानिए पहले क्या था नियम
बिना टेंडर या कोटेशन - 20 हजार रुपये
विभागीय क्रय समिति - 1 लाख रुपये
अब नया नियम जारी
बिना टेंडर या कोटेशन - 50 हजार रुपये तक
विभागीय क्रय समिति - 2.50 लाख तक
नियमों में दंड भी
इस नियम में खास बात ये ही कि अगर भंडार क्रय नियमों में किसी प्रकार का कोई उल्लंघन किया जाता है या वस्तु को समय पर नहीं दिया जाता या वस्तु खराब होती है तो विभागध्यक्ष जांच के बाद सप्लायर को 3 साल के लिए ब्लैकलिस्ट करने का अधिकार भी रखेगा. ये प्रावधान पहली बार जुड़ा है.
शीर्ष उद्योगपति पहुंचे थे
गौरतलब है कि इंदौर में हुए इन्वेस्टर्स समिट में देश शीर्ष उद्योगपति जैसे डालमिया भारत समूह के पुनीत डालमिया, गोदरेज इंडस्ट्रीज के नादिर गोदरेज, अदानी एग्रो ऑयल एंड गैस के प्रणव अडानी, टाटा इंटरनेशनल के नोएल टाटा, आईटीसी ग्रुप के संजीव पुरी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के निखिल आर मेसवानी शामिल हुए थे.
हर महीने एमपी में 100 स्टार्टअप
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एमपी में 2600 स्टार्टअप मान्यता हासिल कर चुके हैं. हर महीने 100 से 150 स्टार्टअप मान्यता हासिल करते हैं. इसके साथ ही स्टार्टअप में महिलाओं की हिस्सेदारी भी बढ़ी है. एमपी में उघोग लगाने के लिए माहौल काफी अच्छा है.