MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम के साथ ही कांग्रेस की सरकार बनने के 15 महीनों के भीतर काफी कुछ बदला. लेकिन, बीजेपी (BJP) ने चुनावों में ही बड़ा खेल कर दिया था. यही कारण था कि सीधी की उसने तीनों सीटे जीत ली थी. चुरहट से कांग्रेस (Congress) की टिकट से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेट अजय सिंह (Ajay Singh Rahul Bhaiya) को हार का सामना करना पड़ा था. अब देखना होगी की बीजेपी 2023 के चुनाव में सिहावल (Sihawal), चुरहट (Churhat) में किया खेल कर पाती है.


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वर्तमान स्थिति (2018)
सीधी में तीन विधानसभा सीटे आती हैं. तीनों ही सीटे आनारक्षित है. 2018 में इनमें से 2 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी. जबकि एक में कांग्रेस ने अपनी साख बचा ली थी. चुरहट से शरदेंदु तिवारी ने अजय अर्जुन सिंह को हरा दिया था. सीधी केदार नाथ शुक्ल ने कमलेश्वर प्रसाद द्विवेदी को हराया था. जबकि, सिहावल से कांग्रेस के कमलेश्वर इंद्रजीत कुमारे ने शिव बहादुर सिंह चंदेल को मात दे दी थी.



वोटों के आंकड़े
विधानसभा चुनाव 2018 के पहले आई वोटर लिस्ट के अनुसार, चुरहट में 228550, सीधी में 224062 और सिहावल 225248 वोटर थे.



2018 में वोट शेयर
- चुरहट बीजेपी के करीब 71 हजार वोट के मुकाबले कांग्रेस को 65 हजार वोट मिले थे. 
- सीधी से बीजेपी के 69297 वोटे को मुकाबले कांग्रेस ने 49311 वोट हासिल किए थे.
- सिहावल से बीजेपी के 32412 वोटों के मुकाबले कांग्रेस ने 63918 हासिल किए थे.



2018 के आंकड़े
चुरहट से भाजपा प्रत्याशी शरदेंदु तिवारी ने 4 फीसदी मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी अजय अर्जुन सिंह को हरा दिया था. वहीं सीधी से भजपा के केदार नाथ ने थोड़ी आगे बढ़ते कांग्रेस के कमलेश्वर प्रसाद द्विवेदी को 13 फीसदी मतों के अंतर से हरा दिया था. वहीं सिहावल से कांग्रेस के कमलेश्वर इंद्रजीत कुमारे, भाजपा के शिव बहादुर सिंह चंदेल से 21 फीसदी मतों से जीत हासिल की थी.



2013 के आंकड़े
- चुरहट से अजय अर्जुन सिंह ने लगातार तीसरी जीत हासिल की थी. इस चुनाव में उनके सामने बीजेपी के शरदेंदु तिवारी थे
- सीधी से भाजपा के केदार नाथ शुक्ल ने लगातार दूसरी जीत हासिल की थी. इस चुनाव में उनके सामने कमलेश्वर प्रसाद द्विवेदी थे
- सिहावल से कांग्रेस के कमलेश्वर इंद्रजीत कुमारे पहली जीत हासिल की थी. तब इनके सामने एक बार के विधायक विश्वामित्र पाठक थे



2008 के आंकड़े
चुरहट से अजय अर्जुन सिंह ने बीजेपी के अजय प्रताप सिंह को हरा दिया था. लेकिन, बाकी की दो सीटें कांग्रेस नहीं  निकाल पाई. सीधी से कृष्ण कुमार सिंह, केदार नाथ शुक्ल के हाथों और नई नवेली सिहावल सीट से इंद्रजीत कुमारे, विश्वामित्र पाठक के हाथो हार गए थे.



2003 के आंकड़े
साल 2023 में हुए चुनाव में जिले में केवल 2 ही विधानसभा सीटे आती थी. चुरहट और सीधी. तब इन दोनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. चुरहट से अजय अर्जुन सिंह ने गोविन्द प्रसाद को मात देकर और सीधी से इंद्रजीत कुमार ने केदार नाथ शुक्ल को मात देकर ये सीटें पार्टी के खाते में डाली थी.



पिछले 3 चुनावों में सीधी से कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस आगे रही है. लेकिन, 2018 में अर्जुन सिंह के हारने के बाद कांग्रेस यहां कमजोर हुई है. वहीं इससे बीजेपी का मनोबल बढ़ है. अब देखना होगा की 2023 के चुनाव में बीजेपी क्या गुल खिला पाती है.