राहुल सिंह राठौड़/उज्जैनः (Solar eclipse 2022) आज सोमवार को देश में चारों तरफ दिवाली का जश्न मनाया जा रहा है. वहीं कल मंगलवार को यानी 25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्य ग्रहण लग रहा है. पंडित गोपाल कृष्ण शर्मा के अनुसार 25 अक्टूबर को प्रातः काल से ही ग्रहण का सूतक काल रहेगा. मध्य प्रदेश में सूर्य का प्रभाव शााम 4 बजकर 30 मिनट से लकेर 06 बजे तक देखने को मिलेगा. आइए धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जानते हैं, कल लगने वाले सूर्य ग्रहण के रहस्य के बारे में...


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ग्रहण पर ध्यान देने योग्य धार्मिक बातें
पंडित गोपाल कृष्ण शर्मा ने बताया कि सूर्य ग्रहण साल भर में 2 बार देखा जाता है, त्योहारों के समय सूर्य ग्रहण अगर आता है तो त्यौहार का तीन गुना अधिक पुण्य लाभ मिलता है. लेकिन गर्भवती महिलाएं व आमजन के लिए इस की किरणें नुकसानदायक भी साबित होती है. इसलिए खास ध्यान रखना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए. वहीं आमजन ग्रहण को देखते हैं तो उन पर इसका प्रभाव गलत पड़ता है शरीर में कहीं रोग उत्पन्न हो सकते हैं.


जानिए कितने बजे शुरू होगा ग्रहण
उज्जैन में स्तिथ जीवाजी वेध शाला के अधीक्षक डॉ राजेन्द्र प्रकाश गुप्त ने जानकारी देते हुए बताया की 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है. ऐसे में इस खगोलीय घटना को भारत में अंडमान निकोबार द्वीप समूह और उत्तरी पूर्वी भारत को छोड़कर पूरे भारत में देखा जा सकता है, भारत में सूर्यग्रहण की शुरुआत उत्तर पश्चिम से दक्षिण-पश्चिम की ओर चलने पर शाम 04:20 से शाम 05:30 के मध्य होगी. वहीं बात मध्य प्रदेश की करें तो 04:35 से 04:50 के मध्य स्थान की स्थिति अनुसार होगी और बात भोपाल व उज्जैन की करें तो भोपाल में 04:42: 04 बजे शुरुआत होगी, जो 05:38तक रहेगा वहिं उज्जैन में 04:00 बज कर 41 मिनट पर प्रारंभ होगा, जो 05:00 बजकर 38 मिनट पर सूर्य की स्थिति मध्य की होगी. इस वक्त 32 प्रतिशत सूर्य ढका हुआ दिखाई देगा, जिसके बाद सूर्यास्त 5 बजकर 53 मिनट पर ग्रहण लगी हुई स्थिति में ही हो जाएगा. ऐसे में करीब 1 घण्टा हम ग्रहण को देख पाएंगे.


ग्रहण के वक्त बरतें ये सावधानी
जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि उज्जैन में स्थित जीवाजी वेधशाला में सोलरफिल्टर युक्त चश्मे से इस ग्रहण को दिखाने की खास व्यवस्था की गई है. इसके लिए कुछ सावधानियां है, जो जरूरी है. सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखें. कुछ लोग एक्सरे फिल्म, वेल्डिंग ग्लास व चश्में पहनकर देखने की कोशिश करते हैं, ऐसा बिल्कुल न करें क्योंकि इससे आपकी आंखों की रेटिना डैमेज हो सकती है. बिना किसी सुरक्षित फिल्टर के आप बिलकुल नहीं देखें, वरना आपको आंखों से धुंधला दिखने लगेगा और आंखें खराब होने का संकेत है.


जानिए कब लगता है आंशिक सूर्यग्रहण
दरअसल आंशिक सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के आंशिक रूप में आता है, जिससे पृथ्वी के स्थान विशेष से देखने पर सूर्य का आधा भाग ही नजर आता है, उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण का लगना एक खगोलीय घटनाक्रम है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के मध्य होकर गुजरता है.


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