क्षिप्रा घाटों में मौतों पर अलर्ट: प्रशासन ने जारी किए 5 सख्त निर्देश, जानें जनवरी से जून तक का आंकड़ा
क्षिप्रा नदी के घाटों पर नदी में डूबने से हो रही लगातार मौतों के चलते प्रशासनिक अमला अलर्ट. सुरक्षा के इंतजामों का जायजा लेने के लिए डीएम, एसपी निगम अधिकारियों व होमगार्ड कमांडेंट का अमला पहुंचा.
राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: बाबा महाकाल के नगरी में क्षिप्रा के घाटों में बढ़ रही मौतों को लेकर प्रशासन अलर्ट है. सोमवार को सुरक्षा का जायजा लेने के लिए डीएम, एसपी निगम अधिकारियों व होमगार्ड कमांडेंट का अमला पहुंचा. इस दौरान डीएम ने 5 तरह के दिशा निर्देश निगम, WRD व होमगार्ड को दिए गए है. वहीं एसपी ने कहा जवानों ने लापरवाही बरती तो करेंगे कार्रवाई.
असुरक्षा और लापरवाही दोनों जिम्मेदार
उज्जैन में हर रोज हजारों की श्रद्धालु पहुंचते हैं. बाबा महाकाल के दर्शन करने से पहले श्रद्धालु मोक्षदायिनी मां क्षिप्रा में स्नान करने पहुंचते हैं. यहां कई श्रद्धालु लापरवाही के चलते व कई सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम ना होने के चलते हादसे का शिकार हो जाते हैं. कई बार गहरे पानी मे जाने से कईयों की मौत हो जाती है.
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घटनाओं को लेकर जागा प्रशासनिक अमला
विगत कुछ महीनों में 2 दर्जन से अधिक मौतों के बाद प्रशासनिक व पुलिस प्रशासनिक अमला जागा है. घाटों पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया जा रहा है. मौके पर पहुंचे कलेक्टर आशीष सिंह ने पानी का लेवल को घाटों से 3 फुट कम करने के साथ ही निगम, WRD, होमगार्ड को जरूरी दिशा निर्देश दिए. एसपी ने कहा कि घाटों पर तैनात जवानों को अलर्ट रहने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं.
डीएम/एसपी ने दिए निर्देश
- घाटों पर पानी का लेवल 3 फुट कम किया जाए, जिससे सीढ़ियां नजर आए
- घाटों पर गहरे पानी होने के सांकेतिक संन्देश देते बोर्ड लगाना व पाइप और रस्सी को टाइट करवाना
- घाटों पर लोकल तैराकों दलों की मदद ली जाना, उन्हें सुरक्षा किट के साथ ट्रेनिंग देकर तैनात करना
- होमगार्ड जवानों की तैनाती डयूटी में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई
- अनाउंसमेंट सिस्टम को बेहतर बना छोटी रपट से बड़े पुल तक रेकॉर्डेड ट्यून के माध्यम से जागरूक करना
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जनवरी से जून तक करीब 25 मौते
ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते शिप्रा के घाटो पर बड़ी संख्या में श्रद्धालू पहुंचा रहे हैं. हाल ही में भोपाल से आए पांच दोस्तो में से 2 गहरे पानी मे चले गए थे. घटना में एक की मौत हो गई थी. उसके दूसरे दिन इंदौर से आये दोस्तो में एक कि मौत हो गई. जनवरी से लेकर जून तक 25 के करीब लोगों की मौत हो गई, जिसका मुख्य कारण शिप्रा के कुछ घाट जैसे गऊघाट, नरसिंह घाट पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं होना और लापरवाही भी है.
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