राहुल सिंह राठौड़/उज्जैनः जिले में विकास कार्यों के अलावा आम जन की समस्याओं पर प्रशासनिक अमला कितना खरा उतर पा रहा है, इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि  CM HELP LINE पर अलग-अलग विभागों की करीब 6 हजार से अधिक शिकायते पेंडिग पड़ी हुई है. इसमें साफ तौर पर संबंधित विभागों की लापरवाही नजर आ रही है.


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बता दें कि जनसुनवाई व सीएम हेल्पलाइन में आवेदक इस उम्मीद से शिकायत करता है कि उसकी सुनवाई होगी और उसे न्याय मिलेगा लेकिन कई बार जिम्मेवार विभाग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं और आमजन को कई परेशानियां उठाना पड़ती है. जिले में कई शिकायतें तो दो-दो / तीन-तीन साल से पेंडिंग है. जिले में कुल पेंडिंग 6016 शिकायतें हैं.


दरअसल जिले के पुलिस, पीएचई, खाद्य, राजस्व, बिजली, पंचायत, स्वास्थ, नगर निगम व नगर पालिका ऐसे तमाम विभागों में कई शिकायते पेंडिंग है. कई शिकायतों का तो 3 साल से अब तक निराकरण नहीं हुआ जो कई सवाल प्रशासनिक अमले की कार्यशैली पर खड़ा कर रहा है. पूरे मामले में जब जिला कलेक्टर आशीष सिंह से सवाल किया गया कि क्या कर रहा है विभाग तो आशीष सिंह का कहना है,कि यह ON GOING प्रक्रिया है शिकायतें आती हैं उनका निराकरण कर दिया जाता है, लेकिन अगर कोई शिकायत पेंडिंग में है तो उस पर TL (टाइम लिमिट) बैठक में जल्द संज्ञान लिया जाएगा. 


पूरे मामले पर जब जिला कलेक्टर आशीष सिंह से जब सवाल किया गया कि क्या कारण है इतनी पेंडिंग शिकायतों का? तो आशीष सिंह का कहना है कि जो भी शिकायतें पेंडिंग है उन पर जल्द संज्ञान लिया जाएगा. इसके साथ ही ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी जो फर्जी रूप से शिकायतें दर्ज करवा देते हैं. उन्होनें फर्जी रूप से शिकायत करने वालों को भी चिन्हित किया गया है जिन पर जल्द एक्शन देखने को मिलेगा.


कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि हर सोमवार को टीएल बैठक में अलग-अलग विभागों के जिम्मेदारों से जवाब मांगे जाते हैं और काम पूरा नहीं होने पर कई बार हमने जिम्मेवारों पर कार्रवाई की है. जिलाधीश ने दावा किया कि हमारा जिला टॉप 10 की सूची में शामिल है, लेकिन हमें मिली जानकरी के अनुसार 5वें व 6वीं रेंक पर रहने वाला हमारा जिला शिकायतों के निराकरण में अब 14वीं रेंक पर पहुंच गया है. हालांकि जिलाधीश ने कहा है हम कोशिश करेंगे कि आमजन को जल्द सहायता मिल सके.


फर्जी शिकायतों पर लिया जाएगा एक्शन
कलेक्टर आशीष सिंह ने ये बताया कि ऐसे भी कई लोग हैं जो फर्जी रूप से कई शिकायतें कर देते हैं, एक व्यक्ति ने 100 से अधीक शिकायत दर्ज की है जब जांच टीम उनके पास पहुंचती है तो वह या तो मिलते नहीं है या उनका मोबाइल अक्सर बंद आता है. अब ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाएगा अब तक 2 लोग ऐसे चिन्हित किए जा चुके हैं, जिन पर जल्द कार्रवाई आपको देखने को मिलेगी व ऐसे तमाम लोगों को इस कार्रवाई से सबक भी मिलेगा की सुविधाओं का सही उपयोग किया जाए.


जानिए किस विभाग में कितनी है शिकायत
एल 1 पर 2927, एल 2 पर 690, एल 3 पर 791, एल 4 पर 1608 शिकायते पेंडिंग दर्शाई गई है. जिसमें फसल बीमा व कृषि विभाग से 648, खाद्य विभाग से 416, बिजली विभाग से 401, राजस्व विभाग से 453,  नगर पालिका व परिषद से 372, पंचायत से 341,  स्वास्थ विभाग से 257,  पीएचई विभाग से 138, कर्मकार मंडल से 125, व अन्य विभाग से 2275 शिकायतें पेंडिग में हैं.


जानिए क्या होता है L1, L2, L3 और L4 का मतलब


L1, L2, L3, L4 को LEVEL कहा जाता है जो शिकायत दर्ज होने से लेकर उसके निराकरण नहीं होने तक LEVEL के आधार पर कार्य करते हैं. 


- L1 आईटी सपोर्ट, हेल्प डेस्क या सर्विस डेस्क पर तकनीकी सहायता के रूप में जाना जाता है. जहां सबसे पहले शिकायत दर्ज होती है. यह आपकी पहली सपोर्ट लाइन है.
- L2 पर अनुभवी और योग्य तकनीशियन समस्याओं का निराकरण करते हैं और उन मुद्दों का समाधान होता है जिन्हें एल 1 इंजीनियर नहीं कर पाता. 
- L3 को अंतिम लेवल कहा गया है और इसमें आमतौर पर एक विकास दल होता है जो टेक्निकली समस्याओं से निपटता है. वह अपने पेशे में मास्टर विशेषज्ञ होता हैं और सबसे कठीन समस्याओं का समाधान करता है.
- L4 में उन शिकायतो को डाल दिया जाता है जिन शिकायतों पर कार्य हो नही पाता जो कि जिले में 1608 करीब है.


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