DNI Tulsi Gabbard: अमेरिका के नए नवेले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड को अगला राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) नियुक्त किया है. तुलसी पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुई ज्यादतियों को लेकर खासी मुखर रही हैं.
Trending Photos
Who is Tulsi Gabbard: इस समय पूरी दुनिया की निगाहें अमेरिका और नवनिर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप पर टिकी हुई हैं. वे रोजाना अपनी नई टीम को लेकर घोषणाएं कर रहे हैं. मंत्रिमंडल से लेकर सभी संस्थानों के प्रमुख पदों पर नियुक्तियां कर रहे हैं. इसी कड़ी में डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड को अपनी सरकार में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के रूप में नियुक्त किया है. तुलसी गबार्ड अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू महिला सदस्य हैं. भारत के नजरिए से तुलसी की नियुक्ति बेहद महत्वपूर्ण हैं. बाइडेन और डेमोक्रेटिक पार्टी का साथ छोड़कर 2022 में ट्रंप से जुड़ी तुलसी हिंदू धर्म का पालन करती हैं.
यह भी पढ़ें: शादी से पहले ही तलाक की रकम क्यों तय कर देते हैं ट्रंप! जानिए क्या है ये प्रीनेप्टियल मैरिज एग्रीमेंट?
शाकाहारी, भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ
तुलसी गबार्ड का जन्म अमेरिका में हुआ है लेकिन उनका लालन-पालन हिंदू मान्यताओं के अनुसार हुआ. इतना ही नहीं तुलसी हिंदू धर्म का पालन करती हैं और वे इसे छिपाती भी नहीं है. बल्कि उनकी उस शपथ की भारी चर्चा हुई थी, जो उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर ली थी. साथ ही वे समय-समय पर हिंदुओं के हित में भी बोलती रही हैं. जन्म से ही शाकाहारी तुलसी गबार्ड मंच से राम-राम का भजन भी कर चुकी हैं.
यह भी पढ़ें: 30 करोड़ सैलरी, फिर भी लोग नहीं करना चाहते ये नौकरी, सिर्फ स्विच ऑन-ऑफ करना है काम!
हिंदू अल्पसंख्यकों के संरक्षण की मांग
यहां तक कि 2021 में तुलसी गबार्ड ने अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश करके बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के संरक्षण की मांग की थी. उन्होंने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी और हिंदुओं पर हुए अत्याचारों की कड़ी निंदा की थी.
पाकिस्तान को लताड़ लगाई
आतंकियों को पनाह देने के मसले पर तुलसी गबार्ड पाकिस्तान को जमकर खरीखोटी सुना चुकी हैं. उन्होंने तो कांग्रेस में पाकिस्तान को मिलने वाली अमेरिकी सैन्य सहायता में कटौती करने की कोशिश की. साथ ही पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए दबाव बनाने का समर्थन भी किया. ताकि पाकिस्तान आतंकवादियों के साथ अपने संबंध तोड़े.
ट्रंप ने भी उठाया था मुद्दा
डोनाल्ड ट्रंप ने भी राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए हिंसा के मुद्दे को उठाया था. शेख हसीना की सत्ता से बेदखली और छात्र आंदोलनों के बाद उन्होंने हिंदुओं पर हुए अत्याचारों को लेकर चिंता जताई थी. साथ ही जल्द समाधान की पैरवी की थी.