महाकाल लोक को नुकसान पहुंचा रहे भक्त, 350 कैमरे और 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी भी फेल!
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महाकाल लोक को नुकसान पहुंचा रहे भक्त, 350 कैमरे और 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी भी फेल!

उज्जैन महाकाल मंदिर में 350कैमरे 2 कंट्रोल रूम 100 से अधिक सुरक्षा कर्मी होने के बावजूद भी उत्पाती भक्तों को मंदिर समिति कंट्रोल नहीं कर पा रही है.

महाकाल लोक को नुकसान पहुंचा रहे भक्त, 350 कैमरे और 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी भी फेल!

राहुल सिंह राठौर/उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल का धाम लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का खास केंद्र है बाबा महाकाल मंदिर के पीछे हाल ही में बने प्रथम चरण में श्री महाकाल महालोक में अब पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी लगातार देखी जा रही है. लेकिन श्री महाकाल महालोक की भव्यता और सुंदरता को बनाए रखने के लिए जो व्यवस्थाएं हैं. उसमें कहीं ना कहीं कमियां नजर आने लगी है, क्योंकि बाबा महाकाल के कुछ उत्पाती भक्तों द्वारा उस सुंदरता को उस भव्यता को बिगाड़ने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाने से लेकर वाटर कूलर तोड़ने पत्थर उखड़ने व अन्य बाते है और उन पर मंदिर समिति का कोई बस दिखाई नहीं दे रहा है.

बता दें कि मंदिर परिसर व महाकाल लोक में करीब 350 सीसीटीवी कैमरे दो कंट्रोल रूम व महाकाल लोक में ही 100 से अधिक सुरक्षा कर्मी हैं. इस मामले में जब प्रशासक से बात की गई तो प्रशासक का कहना है भक्तों को समझाइश देने पर भक्त मान जाते हैं.

जानिए क्या कहा मंदिर प्रशासक ने
महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने कहा कि  100 के करीब सुरक्षा कर्मी हैं जो सिर्फ महाकाल महालोक में भक्तों की मदद करने में तत्पर रहते हैं. महाकाल महालोक में 150 कैमरा व मंदिर में 200 कैमरा है, जिनकी मदद से दो कंट्रोल रूम से नजर रखी जाती है. मंदिर क्षेत्र को महाकाल लोक सहित 7 जोन में डिवाइड किया है. हर एक क्षेत्र के लिए प्रभारी नियुक्त किये गए हैं मौके पर मौजूद कर्मी भक्तों से रिक्वेस्ट करते हैं, जो नहीं मानते है उन्हें सख्ती से समझया जाता है वे भी मान जाते हैं.

लोकार्पण के बाद से क्या क्या हुआ नुकसान 
महाकाल महालोक का 11 अक्टूम्बर को पीएम मोदी द्वारा लोकार्पण किये जाने के बाद भक्तो की संख्या बढ़ी, जिसकी वजह से अब वहां जमीन पर लगे पत्थर(ब्लॉक) उखड़ने लगे हैं, प्रतिमाओं में निशान पड़ना दीवारों में दरार आना, स्तंभों में स्क्रेचस के निशान दिखाई दे रहा है, श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की गई लेकिन उत्पातों द्वारा वाटर कूलर ही उखाड़ फेंका गया है. 

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