CM House Ujjain: मध्य प्रदेश में सरकार अब भोपाल के साथ-साथ उज्जैन से भी चलेगी. क्योंकि भोपाल के साथ उज्जैन में भी सीएम हाउस होगा, मुख्यमंत्री मोहन यादव के लिए उज्जैन में बंगला तैयार किया जा रहा है. विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति के लिए अलॉट किए गए बंगले को सीएम हाउस में बदला जा रहा है, जहां से सीएम मोहन यादव सरकारी कामकाज देखेंगे. ऐसे में इस बंगले की पहचान अब प्रदेश में सीएम हाउस के तौर पर होगी. अगले 15 दिन में पूरे बंगले का रिनोवेशन पूरा कर लिया जाएगा. 


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उज्जैन सीएम मोहन का गृह जिला 


दरअसल, उज्जैन सीएम मोहन यादव का गृह जिला है, वह उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक हैं, ऐसे में वह लगातार उज्जैन के दौरे करते हैं. इसी के चलते उज्जैन में सीएम हाउस बनाया गया है, ताकि उज्जैन प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने सरकारी कामकाज को यहां से निपटा सकें. इसके अलावा बंगले पर अधिकारी भी मौजूद रहेंगे, जो स्थानीय लोगों की समस्याओं की जानकारी भी सीएम मोहन यादव तक पहुंचाएंगे. 


बता दें कि पहले पहले विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव का बंगला सीएम हाउस के लिए किया गया तैयार किया गया था. लेकिन बाद में यह फैसला बदल दिया गया था. क्योंकि सीएम की सुरक्षा के लिहाज से यह बंगला सही नहीं था, ऐसे में कुलपति के बंगले को सीएम हाउस बनाने का फैसला लिया गया. जिसके बाद अब विक्रम विश्वविद्याल के कुलपति का निवास सीएम हाउस होगा. मुख्यमंत्री का यह बंगला विक्रम कीर्ति मंदिर के ऑडिटोरियम के ठीक पास में देवास उज्जैन मार्ग पर होगा. मुख्यमंत्री का यह बंगला विक्रम कीर्ति मंदिर के ऑडिटोरियम के ठीक पास में देवास उज्जैन मार्ग पर होगा


ऐसा है उज्जैन का सीएम हाउस 


मुख्यमंत्री इस बंगले में उज्जैन प्रवास के दौरान ऑफिस कार्य के साथ विश्राम कर सकेंगे. मुख्यमंत्री के इस बंगले में स्टाफ के लिए भी भी क्वार्टर है जहां पर 24 घंटे उनके साथ रहने वाला काफिला भी रुक सकेगा. मुख्यमंत्री के इस बंगले में कुल 8 कमरे, 1 हाल, बड़ा लॉन, बैठक कक्ष, डाइनिंग हॉल, किचन, बंगले के आगे और पीछे गार्डन एरिया पर्याप्त पार्किंग सुविधा भी है. ऐसे में उज्जैन के लोगों के लिए भी यह फायदेमंद रहेगा. 


सीएम मोहन ने तोड़ा मिथक 


उज्जैन बाबा महाकाल की नगरी है, जहां के राजा बाबा महाकाल हैं. ऐसे में मान्यता रही है कि सरकारी पदों पर बैठे बड़े आदमी उज्जैन में रात नहीं रुकते. इससे पहले जितने भी सीएम हुए उनमें से कोई भी उज्जैन में रात नहीं रुके. लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव ने इस मिथक को तोड़ा है. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया 'मैं उज्जैन से हूं और महाकाल का बेटा हूं. हम तो बेटे हैं राजा तो महाकाल हैं. इसलिए मैं रुक सकता हूं. क्योंकि हम कोई राजा नहीं है बल्कि बाबा महाकाल के सेवक हैं.' बता दें कि उनके इस तर्क को बाबा महाकाल मंदिर के पुजारियों ने भी सही बताया था. 


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