महाकाल में महाबवालः समलैंगिकता विवाह कानून का जमकर विरोध, सड़कों पर उतरी महिलाएं
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महाकाल में महाबवालः समलैंगिकता विवाह कानून का जमकर विरोध, सड़कों पर उतरी महिलाएं

Ujjain Homosexuality Marriage: मध्य प्रदेश के उज्जैन में समलैंगिग विवाह कानून का महिला संगठनों ने जमकर विरोध किया. उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा और कहा कि यह  हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का हनन करने वाला कानून है. 

महाकाल में महाबवालः समलैंगिकता विवाह कानून का जमकर विरोध, सड़कों पर उतरी महिलाएं

राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: समलैंगिग विवाह (homosexual marriag) सही है या गलत इसको लेकर देश दुनिया में बहस चल ही रही है, कि वहीं बाबा महाकाल (mahakal) की नगरी उज्जैन (ujjain) में इसका विरोध भी शुरू हो गया है. आज महिलाओं के संगठनों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया और कलेक्टर कार्यालय (collector office) में पहुंच कर ज्ञापन सौंपा. उन्होंने हा ये हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का हनन करने वाला कानून है. 

जानिए पूरा मामला
दरअसल पुरुष से पुरुष और स्त्री से स्त्री की शादी को कानूनी मान्यता दी जाए या नहीं? ये मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी गुरुवार को ये मुद्दा गरमाया और अलग अलग संगठनों की महिलाएं एकजुट होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गई. 

महिलाओं ने एसडीएम को ज्ञापन देते हुए कहा कि न्यायालय इस मामले से दूर रहे निवेदन है इसका निर्णय करने का हक सिर्फ संसद को है. एसडीएम ने ज्ञापन को लेकर बात वरिष्ठ अधिकारियों व शासन के संज्ञान में लाने की बात कही है. महिलाओं ने कहा कि हमारी समाज और सांस्कृतिक परमपराओं में विवाह दो विपरीत व्यक्तियों के बीच होने वाला पवित्र गठबंधन है. हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का हनन करने वाला ये कानून है.

जानिए क्या कहा महिला संगठन ने
महिला संगठन में से राजश्री राजेन्द्र जोशी ने कहा कि हमारी समाज और सांस्कृतिक परमपराओं में विवाह दो विपरीत व्यक्तियों के बीच होने वाला पवित्र गठबंधन है. अभी वर्तमान में सांस्कृतिक मूल्यों का हनन करने वाला एक विषय जिसे हम समलैंगिकता विवाह कानून के रहे हैं, अत्यंत गंभीर है विचारणीय है. चूंकि कानून बनाने का अधिकार संसद को है. यह अभी माननीय न्यायालय द्वारा बीच में हस्तक्षेप करके कानून पर विचार कर निर्णय लेने की प्रक्रिया में है. हम निवेदन करते है कि संसद का काम संसद को ही करने देवें. अनावश्यक हसक्तक्षेप ना करें. हमने ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया है न्यायालय को इसे गंभीरता से ले ये सभी संगठनों की महिलाओं का एक ज्ञापन है.

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