MP की अनोखी प्रेम कहानी, जंगल में सलीम को हुआ अनारकली से प्यार
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MP की अनोखी प्रेम कहानी, जंगल में सलीम को हुआ अनारकली से प्यार

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी एक बार फिर दोहराई जा रही है, जिन्हें मिलने से मुगलेआजम रोक रहे हैं. लेकिन फिर भी सलीम अनारकली को भगाने की तैयारी में जुटा है. 

MP की अनोखी प्रेम कहानी, जंगल में सलीम को हुआ अनारकली से प्यार

अरुण त्रिपाठी/उमरिया। सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी को कौन नहीं जानता. दोनों के प्यार के किस्से आज भी कहे और सुने जाते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी एक बार फिर दोहराई जा रही है. जिसमे सलीम और अनारकली तो वन्य जीव हैं, लेकिन मुगले आजम की भूमिका पार्क प्रबंधन निभा रहा है. आप सोच रहे होंगे भला ऐसा कैसे हो रहा है. तो चलिए आपको इस कहानी से रूबरू कराते हैं. 

हाथी को हथिनी से हुआ प्यार 
दरअसल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व साल 2018 से जंगली हाथियों ने अपना रहवास बना लिया है. इस तरह से टाइगर रिसर्व में पहले से नर और मादा मिलाकर कुल 14 पालतू हाथी मौजूद हैं, जो पार्क प्रबंधन के साथ वन एवं वन्य जीव सरंक्षण में कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं. लेकिन जंगली हाथियों के आ जाने के बाद पिछले चार सालों से उनका पालतू हाथियों से भी आमना सामना होता रहा है. पालतू हथिनियों में सबसे महत्वपूर्ण हथिनी का नाम अनारकली है. जिससे जंगली हाथी सलीम को प्यार हो गया है. 

अनारकली से मिलने की जुगत में रहता है सलीम 
पार्क प्रबंधन के मुताबिक जब जंगली और पालतू हाथी आमने सामने होते हैं, तो दोनों के व्यवहार सामान्य होते हैं, किसी तरह से भी दोनों के व्यवहार में आकस्मिक परिवर्तन नहीं देखा गया लेकिन बीते एक माह से  एक जंगली हाथी जिसको पार्क प्रबंधन ने सलीम का नाम दिया है वह पार्क की सबसे मशहूर हथिनी अनारकली के इश्क में डूबा है. सलीम हर वक्त अपनी अनारकली से मिलने की जुगत में लगा रहता है और वह गाहे-बगाहे पार्क प्रबंधन के द्वारा बनाये गए हाथी कैम्प में पहुंच जाता है. 

अनारकली को भगाने की कोशिश में जुटा है सलीम 
खास बात यह है कि हाथी सलीम हथिनी अनारकली के प्यार में इतना डूबा हुआ है कि वह कैंप पहुंचकर हथिनी को पीछे से धक्का मारते हुए जंगल की ओर धकेलते हुए ले जाता है, यह घटनाक्रम कई बार हो चुका है और पार्क प्रबंधन के अधिकारी जानकारी मिलने के बाद अनारकली को ढूंढते हैं और फिर मशक्कत के बाद उसे वापस कैम्प ले आते हैं. यही वजह है कि हम इस पूरे मामले में पार्क प्रबंधन को मुगले आजम की भूमिका में बता रहे हैं. 

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के एसडीओ सुधीर मिश्रा बताते हैं कि वन्य जीव विशेषज्ञों की माने तो यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. जिसमें एक ही प्रजाति के दो विपरीत जेंडरों के बीच आकर्षण होता है और यही वजह है कि जंगली हाथी सलीम को बांधवगढ की पालतू हथिनी अनारकली भा गई है और वह उसे प्राप्त कर अपने साथ जंगल में स्वतंत्र विचरण कराने के लिए आतुर है. वहीं सदियों पुरानी सलीम अनारकली की प्रेम कहानी में बाधा उत्पन्न करने वाले मुगलेआजम की भूमिका पार्क प्रबंधन निभा रहा है जो अब अनारकली को पूरी सुरक्षा के साथ रखे हुए हैं और हाथी कैंप के आसपास जंगली हाथियों की भटकने से भी रोकने के लिए मुस्तैद है. 

अनारकली क्यों है महत्वपूर्ण
अब आप सोच रहे होंगे कि हथनी अनारकली पार्क के लिए इतनी महत्वपूर्ण क्यों है, तो चलिए इसकी वजह भी आपको बताते हैं, बांधवगढ में सबसे पुराने हाथियों में गौतम के बाद अनारकली का नाम आता है, जो 1964 में जन्मी है और साल 1978-79 में सोनपुर मेला बिहार से पार्क प्रबंधन ने इसे खरीदा था, वर्तमान में 58 साल की अनारकली ने बांधवगढ में साल 2012 से लेकर अब तक चार बच्चों को जन्म दिया है, जिसमें दो नर और दो मादा है. बांधवगढ़ में कुल 14 पालतू हाथियों की संख्या की बात करें तो इनकी संख्या बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान अनारकली का है और यही वजह है कि पार्क प्रबंधन अनारकली को सुरक्षित अपने अधीन रखना चाह रहा है. क्योंकि अनारकली में वंश वृद्धि की आगे भी और संभावनाएं हैं. ऐसे में अनारकली को सलीम के साथ जंगली हाथियों के स्वच्छंद विचरण में छोड़ देने से पार्क प्रबंधन को घाटा साबित हो रहा है. 

अनारकली भी सलीम के साथ जाने को तैयार
सबसे मजेदार बात यह है कि हथनी अनारकली भी सलीम के साथ जाने को तैयार है. जब सलीम आता है और अनारकली को जबरिया अपने दांतों से धक्के मारकर ले जाने का प्रयास करता है तो साथ में अनारकली भी अपने चार बच्चे को लेकर उसके चल देती हैं और जंगली हाथी के साथ ये छह हाथियों का समूह एक साथ जंगलों की तरफ चला जाता है. यही वजह है कि पार्क प्रबंधन इन पर नजर रख रहा है. ताकि ये कही जा न पाए. 

फिलहाल बांधवगढ़ को जंगली हाथियों ने अपने रहवास के रूप में चुन लिया है और 60 जंगली हाथियों के दल में से एक सलीम अपनी प्रेयसी अनारकली हथिनी को प्राप्त करना चाहता है, पार्क प्रबंधन के सामने अब अनारकली को सुरक्षित बचाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है. भले ही उसको मुगलेआजम की भूमिका निभानी पड़ रही हो, लेकिन अगर बांधवगढ में जंगली हाथियों और पालतू हाथियों के बीच मेल-मिलाप हो गया तो पार्क प्रबंधन के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित होगी और बांधवगढ सरंक्षण के कार्यों में और बड़ी मशक्कत के सामना करना होगा. लेकिन इस हाथी और हथिनी की प्रेम कहानी की चर्चा खूब हो रही है. 

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