Surguja Hanuman Mandir: आज हम आपको छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के स्वयं प्रकट हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं.
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सुशील कुमार/ सरगुजा: छत्तीसगढ़ राज्य की धार्मिक मान्यताएं बहुत हैं. आपने बहुत सी हनुमान मंदिर की मान्यताएं सुनी होगी. लेकिन आज हम आपको उस हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां स्वयं हनुमान जी एक पेड़ में प्रकट हुए थे. बता दें कि सरगुजा जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित लमगांव में स्वयं प्रकट हनुमान मंदिर है, जहां मंगलवार और शनिवार को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
कई मान्यताओं से परिपूर्ण है मंदिर
दरसअल, स्वयं प्रकट हनुमान मंदिर की मान्यताएं अनेक हैं. बताया जाता है कि, गांव के ही एक व्यक्ति को सपना आया था कि हनुमान पेड़ के बीच मे फंसे हुए हैं, और इस तरह बार-बार स्वप्न आने लगा तब उस व्यक्ति ने उस पेड़ को किनारे से काटने का प्रयास किया. तब रोजाना जाता देख लोग भी उसे देखने लगे. तब ऐसा करता देख लोग उसे पागल समझने लगे. लेकिन सच में उस पेड़ से स्वयं प्रकट हनुमान की मूर्ति दिखाई दी. वहीं बताया जाता है कि, इस आस-पास के क्षेत्र में अज्ञानता की वजह से कभी इसे ध्यान भी नहीं दिया गया. लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतता गया. वैसे ही लोगों में जन जागरूकता के साथ-साथ हनुमान के प्रति पूजा अर्चना का भाव जागने लगा.
इस दिन की गई थी मंदिर की स्थापना
इस मंदिर की स्थापना 5 अप्रैल 1995 में की गई थी. तब से आज तक इस मंदिर में पूजा अर्चना की जा रही है,और लोगों की मान्यताएं भी पूर्ण हो रही है. इधर स्वयं प्रकट हनुमान के गर्भगृह के पुजारी ने बताया कि, स्वयं हनुमान प्रकट हुए थे. तब उनकी आकृति डेढ़ से 2 फीट की थी. लेकिन अब हनुमान की मूर्ति 4 फीट की हो गई है. वहीं पुजारी ने बताया कि जब पेड़ में हनुमान विराजमान थे. गांव के बच्चे फल तोड़ने के लिए इस पेड़ में उस मूर्ति पैर रखकर चढ़ा करते थे.
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दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
इस स्वयं प्रकट हनुमान मंदिर की स्थापना उदासीन अखाड़े के द्वारा 1995 में किया गया. इसके बाद से श्रद्धालुओं में जन जागरूकता के साथ श्रद्धाभाव देखने को मिला. जहां 2002 से अखंड रामायण के साथ अखंड दीप प्रज्वलित किया जा रहा है. साथ ही अखंड रामायण दिन और रात अनवरत पढ़ा जा रहा है. इस तरह का श्रद्धाभाव को देखते हुए श्रद्धालु भी रोजाना स्वयं प्रकट हुए हनुमान के दर्शन करने दूर-दूर से आते हैं. यहां प्रत्येक शनिवार को भक्तजनों की ओर से भंडारे का आयोजन भी किया जाता है. वहीं इस मंदिर से जो भी श्रद्धालु मनोकामना करता है, उन सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना स्वयं प्रकट हनुमान निश्चित ही पूरा करते हैं.