National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में ईडी आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ कर रही है. इससे पहले ईडी राहुल गांधी से भी इस मामले में पूछताछ कर चुकी है. आइए जानते हैं कि नेशनल हेराल्ड केस क्या है और इस मामले में कब-कब क्या हुआ.
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National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से पूछताछ कर रही है. इस दौरान दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी की कार्रवाई का जमकर विरोध किया. कांग्रेस के कई बड़े नेता इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए. इनमें अशोक गहलोत, शशि थरूर और सचिन पायलट का नाम शामिल है. इससे पहले बीते माह ईडी ने राहुल गांधी से भी इस मामले में पूछताछ की थी. उस दौरान भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया था. सोनिया गांधी से भी बीते माह ही पूछताछ होनी थी लेकिन उनके कोरोना पॉजिटिव होने के कारण सोनिया गांधी को पूछताछ में छूट दी गई थी.
जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case)
भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने साल 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के खिलाफ घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को पैसों की हेराफेरी कर हड़पने का आरोप लगाया था.
नेशनल हेराल्ड कांग्रेस का मुखपत्र था, जिसका प्रकाशन साल 1938 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर किया था. इस अखबार का प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) द्वारा किया जाता था. बाद में यह अखबार घाटे में गया और साल 2008 में बंद हो गया. इसके बाद साल 2010 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने AJL का अधिग्रहण कर लिया था. यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में 76 फीसदी हिस्सेदारी राहुल गांधी और सोनिया गांधी की है. बाकी 24 फीसदी हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी.
आरोप है कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने महज 50 लाख रुपए में AJL कंपनी का अधिग्रहण किया, जबकि AJL की संपत्ति करीब 2000 करोड़ रुपए है.
नेशनल हेराल्ड केस में कब क्या हुआ?
साल 2012 में सुब्रमण्यन स्वामी ने पटियाला हाउस कोर्ट में केस दर्ज कराया. 26 जून 2014 में कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सभी आरोपियों को समन जारी किया. 1 अगस्त 2014 को ईडी ने इस केस में स्वतः संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. 19 दिसंबर 2015 में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दे दी.
इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को रद्द करने से इंकार कर दिया. हालांकि कोर्ट ने आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी. सितंबर 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी की इनकम टैक्स के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी. इसी साल केंद्र सरकार ने हेराल्ड हाउस का स्थायी पट्टे को समाप्त कर दिया और एजेएल को हेराल्ड परिसर से बेदखल कर दिया. अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एजेएल के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी. 2 जून 2022 को ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया.