Chhatarpur News: मध्य प्रदेश के छतरपुर में जिला अस्पताल में डॉ. मनोज चौधरी ने अपनी सूझबूझ से नौ साल की मासूम के गले में फंसे सिक्के को बिना किसी ऑपरेशन की मदद से सुरक्षित निकाल दिया है.
हमारे देश में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है. उन्हें यह दर्जा क्यों न दिया जाए, डॉक्टर अक्सर लोगों को मौत के मुंह से बचाते हैं.
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. मनोज चौधरी ने, जिन्हें बच्चों के गले में फंसे सिक्के निकालने में महारत हासिल है, अब तक 200 से ज्यादा बच्चों के गले में फंसे सिक्कों को बिना ऑपरेशन की मदद से सकुशल बाहर निकाला है.
बता दें कि डॉ. मनोज चौधरी ने एक बार फिर ऐसा ही किया है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है.
दरअसल, छतरपुर जिले के चौका गांव में रहने वाले 7 साल के बच्चे नितेश ने खेल-खेल में 10 रुपये का सिक्का निगल लिया. जिसके बाद यह सिक्का उसकी आहार नली में जाकर फंस गया. इसके वजह से उसे खाने-पीने और सांस लेने में दिक्कत होने लगी.
जैसे ही इसकी जानकारी परिवार वालों को हुई और बच्चे की बिगड़ती तबीयत देखी, तो तुरंत नितेश के चाचा उसे जिला अस्पताल ले आए.
वहां उन्होंने बच्चे को सर्जन डॉ. मनोज चौधरी को दिखाया और सारी बात बताई. इसके बाद, डॉ. मनोज चौधरी ने महज 2 मिनट के अंदर बच्चे के गले में फंसे सिक्के को बाहर निकाल दिया.
बता दें कि डॉ. मनोज चौधरी ने पहले भी ऐसा कर दिखाया है. डॉक्टर मनोज चौधरी ने अब तक 200 से अधिक बच्चों के गले में फंसे सिक्कों को बिना किसी ऑपरेशन की मदद से बाहर निकाला है.
उनके इस उत्कृष्ट कार्य के लिए, मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें छतरपुर गौरव दिवस के अवसर पर महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा से सम्मानित किया है.
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