केदारनाथ के बाद MP में मिलेंगे शिवजी के साथ कुबेर, कभी नहीं लगता ताला, धनतेरस पर होती है विशेष पूजा

Kuber Mandir Mandsaur: मध्य प्रदेश में भगवान कुबेर का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसके कपाट कभी बंद नहीं होते हैं, धनतेरस पर यहां विशेष पूजा होती है.

अर्पित पांडेय Tue, 29 Oct 2024-9:57 am,
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मंदसौर में हैं कुबेर मंदिर

कुबेर का यह मंदिर मंदसौर के खिलचीपुर है. शिवलिंग के समीप पश्चिम मुखी कुबेर प्रतिमा केदारनाथ के बाद मंदसौर में ही है, मंदसौर के खिलचीपुरा में पश्चिम मुखी कुबेर प्रतिमा का मंदिर करीब डेढ़ हजार साल पुराना है. इस मंदिर के कभी पट बंद नहीं होते.

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धनतेरस पर खास पूजा

धनतेरस पर इस मंदिर में खास पूजा होती है, जिसके लिए भक्तो की भारी भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि धनतेरस पर यहां पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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प्रवेश

मंदिर की बनावट ऐसी है कि हर भक्त को मंदिर में सिर झुकाकर प्रवेश करना होता है. मंदिर में प्रवेश के प्राचीन दरवाजे की ऊंचाई तीन फीट के लगभग है. ऐसे में एक बार में एक ही भक्त प्रवेश कर पाता है. 

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गुप्तकालीन मंदिर

कुबेरजी का यह मंदिर गुप्तकालीन बताया जाता है. यह विश्व का एकमात्र अनोखा मंदिर है जिसमे कुबेर के साथ साथ भगवान शिवजी की प्रतिमा भी विराजित है. कहा जाता है कि यह चमत्कारी मंदिर यहां बनाया नहीं गया बल्कि उड़ कर आया है, क्योंकि इसकी नींव नहीं है.

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मिट्टी

अब मंदिर कुबेर का है तो जाहिर है की खजाना भी बिखरा होगा जिसे खोजने के लिए लोग यहां रात में खुदाई करते है, लेकिन इस प्रयास में कई लोग पागल भी हुऐ है तो कई और विपदाओं से घिरे हैं, माना जाता है की यहां की मिट्टी बहुत चमत्कारी होती है. 

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मान्यता है कि धनतेरस पर कुबेर प्रतिमा के दर्शन करने से ही श्रद्धालुओं की समस्त मनोकमनाए पूर्ण होती हैं और कुबेर प्रसन्न होकर धन धान्य से उन्हें परिपूर्ण करते है. इसलिए केवल मंदसौर नहीं बल्कि आसपास के जिलों के अलावा पड़ोसी राज्यों से भी लोग यहां धन के देवता की विशेष पूजा-अर्चना करते करने आते हैं. 

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