कुछ दिनों पहले इंदौर निगम आयुक्त के अधिकारियों ने शहर के पंचकुइया नाले में मीटिंग आयोजित की थी. अधिकारियों ने वहां चाय-नाश्ता भी किया था. इस नाले को भी निगम की टीम ने मिलकर कुछ सालों की मेहनत के बाद साफ करवा दिया.
शहर के अमितेश नगर में स्थित सरस्वती नदी पर इंदौर नगर निगम ने नदी-नाला आउटफॉल ट्रैपिंग का काम शुरू किया. जिसके फलस्वरूप शनिवार रात अमितेश नगर स्थित नाले पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए दीप प्रज्वलन हुआ.
कॉलोनी में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, जिनमें स्वच्छता का पंच गाने पर नृत्य, सिख समुदाय की गुरुवाणी का वाचन और शास्त्रीय संगीत हुआ. यहां दीप प्रज्वलन करने के बाद सरस्वती नदी की आरती की गई.
कार्यक्रम के अवसर पर कॉलोनी में पहुंचे इंदौर से बीजेपी सासंद शंकर लालवानी ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखकर आश्चर्य हो रहा है. इस नदी की दशा एक समय तक बहुत अच्छी थी, लोग यहां नहाया करते थे. लेकिन फिर इस नदी की दशा बदल गई और इसने गंदे नाले का रूप ले लिया.
नाले की गंदी बदबू और स्वच्छता अभियान के पहले साल में ही टॉप पर किसी अन्य शहर के नाम को इंदौर नगर निगम ने बदलने की ठान ली. उन्होंने नदी-नालों पर ट्रैपिंग कार्य किया. जिसके कुछ समय बाद ही परिवर्तन नजर आने लगा. कुछ ही सालों में नाले का पानी साफ हुआ और नाले ने एक बार फिर सरस्वती नदी के स्वच्छ पानी का रूप ले लिया.
सांसद को जानकारी दी गई कि अगर नदी के दोनों ओर निगम द्वारा पौधारोपण होता है तो केंद्र सरकार भी इसे बेहतर बनाने में प्रशासन की मदद करेगी. निगम ने तेजी से विकास कार्य किया और नदी के आसपाल गमलों में पौधे लगा दिए. जिसके बाद केंद्र सरकार की मदद से सरस्वती नदी को वापस पहले की तरह बना दिया गया. सांसद लालवानी ने शहरवासियों से कहा कि अब सभी का दायित्व बनता है कि वे इस नदी का मैंटनेंस कर उसे इसी तरह बनाए रखें.
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