रतलाम: रतलाम से एक बड़ा मामला सामने आया है. दरअसल जिले में बीते मई माह में एक पुलिस आरक्षक भुवनेश्वर सक्सेना की कोरोना ड्यूटी के दौरान मौत हो गयी थी, जिसके बाद शासन से उन्हें 50 लाख रुपयों की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन अब यह राशि वापस रिफंड हो गयी है. बताया जा रहा है की आरक्षक की मौत कोरोना से नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई थी.


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बता दें कि भुवनेश्वर सक्सेना रतलाम जिले के बड़ावदा थाना में डायल 100 पर तैनात थे और अलौट इलाके में रहते थे. बता दें कि मृतक पुलिस आरक्षक की पत्नी भी डिप्रेशन के कारण मानसिक संतुलन खो बैठी है. जिनका इलाज इंदौर के एक अस्पताल में चल रहा है.


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पुलिस का कहना है कि शासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन के अनुसार कोरोना से या ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में सहायता राशि दी जानी थी, लेकिन पुलिसकर्मी भुवनेश्वर सक्सेना की मौत हार्ट अटैक से हुई थी इसलिये जो सहायता राशि दी गयी थी, वो वापस रिफंड हो गई है.


पहले भी हो चुका है ऐसा
दरअसल रतलाम से यह पहला मामला नहीं है जिसमे कोरोना ड्यूटी में मौत के बाद पुलिसकर्मी को कोरोना राशि नहीं मिली हो. रतलाम पुलिस द्वारा 2 प्रकरण शासन को भेजे गए थे लेकिन दोनों ही मामलों में कोरोना सहायता राशि अस्वीकृत हो गई थी.


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अटैक से हुई मौत
इस मामले को लेकर रतलाम एएसपी सुनील पाटीदार ने बताया कि हमने अलौट के थाना बड़ावदा में पदस्थ आरक्षक भुवनेश्वर सक्सेना की कोरोना ड्यूटी के दौरान तबीयत खराब हो जाने से मृत्यु हो जाने के संबंध में शासन को प्रकरण भेजा था. जिसमें उनको ह्रदयाघात आने से अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.


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कोरोना से मौत नहीं तो राशि अस्वीकृत
एएसपी ने बताया जिला प्रशासन द्वारा मृत आरक्षक को कोरोना सहायता राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन जब शासन को अनुमोदन के लिए यह प्रकरण भेजा गया तब शासन द्वारा उस योजना अंतर्गत नहीं आने पर राशि अस्वीकृत हो गयी थी. फिलहाल पुलिस विभाग में होने के चलते जो भी अन्य लाभ है वह दिए जा रहे है.


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