मध्य प्रदेश में 27 फीसदी OBC आरक्षण पर रोक बरकरार, MPPSC 2020 रिजल्ट का इंतजार बढ़ा
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh803681

मध्य प्रदेश में 27 फीसदी OBC आरक्षण पर रोक बरकरार, MPPSC 2020 रिजल्ट का इंतजार बढ़ा

कमलनाथ सरकार ने राज्य स्तरीय परीक्षाओं में ओबीसी आरक्षण को 27 फीसदी करने का फैसला किया था. जिस पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी. अब ग्वालियर हाईकोर्ट ने इस अंतरिम रोक को बरकरार रखा है.

ओबीसी आरक्षण मामले में जनवरी 2021 में सुनवाई होगी

ग्वालियरः MPPSC 2020 के अभ्यर्थियों को अपने परीक्षा रिजल्ट्स देखने के लिए अब अगले साल तक का इंतजार करना पड़ेगा. दरअसल, ग्वालियर हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय परीक्षाओं में ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने के फैसले पर रोक बरकरार रखी है. अब 4 जनवरी 2021 को कोर्ट इस मामले पर फिर से सुनवाई करेगा.

ये भी पढ़ें:हनीट्रैप में फंसाकर ब्लैकमेलिंग का धंधा करता था गिरोह, लखनऊ पुलिस ने दबोचा, MP से भी जुड़े हैं तार

ग्वालियर हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस वीके शुक्ला की बेंच ने ओबीसी आरक्षण मामले पर सुनवाई की. राज्य की परीक्षाओं में पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण को 14 प्रतिशत रखने के अंतरिम फैसले को कोर्ट ने बरकरार रखा है.

कमलनाथ सरकार ने बढ़ाया था आरक्षण
बता दें कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार के सत्ता में आते ही राज्य की परीक्षाओं में ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत तक कर दिया था. कमलनाथ सरकार ने एक अध्यादेश लाकर यह फैसला लागू किया था. हालांकि सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. जिसके बाद कोर्ट ने आरक्षण बढ़ाने के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी थी. 2020 में MPPSC-प्री (मध्य प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा) की परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसके नतीजों को घोषित करने के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार हो रहा हैं.

ये भी पढ़ें: मीडिया रिपोर्ट्स पर शिवराज गंभीर, लापरवाही बरतने पर नपे कलेक्टर

क्या हैं मामला
मार्च 2019 से पहले राज्य स्तरीय परीक्षाओं में सभी वर्गों के आरक्षण मिलाकर कुल 50 प्रतिशत सीटें, आरक्षित और इतनी ही सीटें अनारक्षित थीं. दिसंबर 2018 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सत्ता में आई. जिन्होंने अपने घोषणा पत्र में OBC आरक्षण को 27 प्रतिशत तक बढ़ाने की बात कही थी. जिसे सत्ता में आने के बाद 2019 में उनकी सरकार ने इसे लागू भी कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश बना चुनौती
संशोधन के लागू होते ही राज्य स्तरीय परीक्षा के कुछ अभ्यर्थियों ने इसे कोर्ट में चुनौती दे दी. उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि संशोधन के कारण ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़कर 27 प्रतिशत हो गया. जिससे कुल आरक्षण अब 63 प्रतिशत हो गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार किसी भी राज्य में आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं किया जा सकता.

मार्च 2019 में कोर्ट ने दिए थे अंतरिम आदेश
19 मार्च 2019 को चिकित्सा क्षेत्र में OBC को 27 प्रतिशत मिलने वाले आरक्षण को चुनौती दी गई थी. जिसमें हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए ओबीसी आरक्षण को 27 से 14 प्रतिशत करने का अंतरिम फैसला सुनाया था. OBC आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने अब तक अपना अंतिम फैसला नहीं सुनाया है.

कोर्ट आदेश के बाद ही जारी होंगे MPPSC के नतीजे
राज्य में इससे पहले MPPSC की परीक्षा 2018 में आयोजित हुई थी. कुछ कारणों से 2019 में परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी थी, जिसे जनवरी 2020 में कराया गया. परीक्षा की फाइनल आंसर की (Answer key) भी जारी कर दी गई थी. लेकिन परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी का कहना है कि नतीजों को कोर्ट के आदेश आने के बाद ही जारी किया जाएगा. जिससे भविष्य में किसी भी तरह की समस्या न हो.

अब क्या हैं स्थिति  

- MPPSC प्री-2020 के नतीजे आना बाकी है.
- कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 4 जनवरी 2020 रखी है.
- 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण के विरुद्ध कोर्ट में 13 याचिकाएं दायर की गई है.
- कोर्ट से फैसले के बाद ही MPPSC परीक्षा के नतीजे घोषित किए जाएंगे.
- MPPSC- 2019 की परीक्षा 2020 में आयोजित की गई. जबकि MPPSC-2020 की परीक्षा अब भी आयोजित होनी बाकी है.

ये भी पढ़ें:  कियारा आडवाणी से शादी करना चाहते हैं MP के विजय पाल, आज KBC में बन पाएंगे करोड़पति ?

ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में बिगड़ेगा मौसम का मिजाज, बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना

WATCH LIVE TV

Trending news