गोपाल भार्गव ने कहा, 'सरकार की सेवा में 24 घंटे तैनात रहने वाले होमगार्ड सरकार की निरंकुशता के शिकार हो रहे हैं. सरकार को इन होमगार्ड सैनिकों की आवाज दबाने के बजाय इनके साथ न्याय करना चाहिए.'
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भोपाल: राजधानी भोपाल में होमगार्ड जवानों के धरना प्रदर्शन को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में हिटलर शाही हावी है.
दरअसल, विभागीय मुख्यालय पर होमगार्ड्स का धरना जारी है. होमगार्ड्स का कहना है कि कब तक 'स्वयंसेवी' शब्द उनके साथ जुड़ा रहेगा. उन्होंने मांग की है कि उन्हें पुलिस जैसी नियमित नौकरी मिले, पूरे 12 महीने की नौकरी हो.
वहीं, गोपाल भार्गव ने कहा, 'सरकार की सेवा में 24 घंटे तैनात रहने वाले होमगार्ड सरकार की निरंकुशता के शिकार हो रहे हैं. सरकार को इन होमगार्ड सैनिकों की आवाज दबाने के बजाय इनके साथ न्याय करना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि होमगार्ड सैनिक 24 घंटे सुरक्षा में तैनात रहते हैं, लेकिन अब उन्हें अपने परिवार एवं खुद की सुरक्षा के लिए सड़कों पर आना पड़ रहा है. ये प्रदेश की कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी विफलता है.
होमगार्ड्स द्वारा तीन साल में पुलिस वेरिफिकेशन और मेडिकल जांच बंद करने की मांग पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कई होमगार्ड सैनिक वर्षों से नौकरी कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें हर तीन साल में अपना मेडिकल परीक्षण करना पड़ रहा है. ये बिल्कुल भी उचित नहीं है. जब उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष निर्धारित है तो फिर हर तीन साल में रोटेशन प्रणाली का क्या औचित्य है.
गोपाल भार्गव ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध भी प्रदेश सरकार को खटक रहा है. अब मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार होमगार्ड का आंदोलन कुचलने के लिए पुलिस लगा दी गई है. धरने पर बैठे इन सैनिकों को इन्हीं के होमगार्ड्स लाइन परिसर में नजर बंद कर दिया है.
गोपाल भार्गव ने सरकार से पूछा कि क्या सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले सैनिकों से भी सरकार खतरा महसूस कर रही है जो उनके लिए ऐसे इंतजाम किये हैं.