प्यारे मियां यौन शोषण मामला: नाबालिग बच्चियों की सुपुर्दगी देने से अदालत का इनकार, परिजनों ने लगाई थी साथ रखने की अर्जी
नाबालिग बच्चियों को अपने साथ रखने को लेकर परिवार द्वारा कोर्ट के समक्ष लगाए गए आवेदन पर सुनवाई के दौरान विशोष लोक अभियोजक पीएन सिंह राजपूत ने लिखित आपत्ति करते हुए कहा कि यौन शोषण मामला सामने आने के बाद बच्चियों के परिजनों ने सुरक्षा की मांग की थी.
भोपाल: नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण मामले में जबलपुर जेल में बंद प्यारे मियां से पीड़ित पांच बच्चियों को अदालत ने सुपुर्दगी में देने से इनकार कर दिया है. विशेष न्यायाधीश ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए नाबालिग बच्चियों के परिजनों की ओर से लगाई गई सभी सुपुर्दगी अर्जियों को नामंजूर कर दिया है. वहीं, इस मामले में अब पांच दिन 2 फरवरी से 6 फरवरी तक प्रतिदिन गवाहों के बयान अदालत में दर्ज होंगे.
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नाबालिग बच्चियों को अपने साथ रखने को लेकर परिवार द्वारा कोर्ट के समक्ष लगाए गए आवेदन पर सुनवाई के दौरान विशोष लोक अभियोजक पीएन सिंह राजपूत ने लिखित आपत्ति करते हुए कहा कि यौन शोषण मामला सामने आने के बाद बच्चियों के परिजनों ने सुरक्षा की मांग की थी. अब परिजन बच्चियों को अपने पास रखने की मांग कर रहे हैं. मामले का आरोपी प्यारे मियां प्रभावशाली व्यक्ति है. इसलिए बच्चियों को उनके परिजनों को सुपुर्द किया जाता है तो उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
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इसके अलावा आरोपी गवाहों को प्रभावित भी कर सकता है. इसलिए जबतक गवाही न हो जाए, तबतक बच्चियों को परिजनों को सुपुर्द नहीं करना चाहिए. बच्चियों की समुचित देखभाल बाल संप्रेक्षण गृह में उचित सुरक्षा के साथ हो रही है.
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