सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ने से डूब में आने वालों के हक के लिए 11 साथियों के साथ अनशन कर रहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर को 12वें दिन सोमवार की देर शाम पुलिस व प्रशासन के नुमाइंदे आंदोलनकारियों के भारी विरोध के बीच उठाकर ले गए. इंदौर के कश्मिनर संजय दुबे ने कहा कि अनशन पर बैठे लोगों को स्वास्थ्य कारणों से उठाकर अस्पताल ले जाया गया है. मेधा की मांग है कि पहले पुनर्वास की व्यवस्था की जाए, उसके बाद ही डूब क्षेत्र में आने वाले हजारों लोगों को विस्थापित किया जाए.
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धार: सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ने से डूब में आने वालों के हक के लिए 11 साथियों के साथ अनशन कर रहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर को 12वें दिन सोमवार की देर शाम पुलिस व प्रशासन के नुमाइंदे आंदोलनकारियों के भारी विरोध के बीच उठाकर ले गए. इंदौर के कश्मिनर संजय दुबे ने कहा कि अनशन पर बैठे लोगों को स्वास्थ्य कारणों से उठाकर अस्पताल ले जाया गया है. मेधा की मांग है कि पहले पुनर्वास की व्यवस्था की जाए, उसके बाद ही डूब क्षेत्र में आने वाले हजारों लोगों को विस्थापित किया जाए.
.@medhanarmada lifted by force on 12th day of her fast. @ChouhanShivraj knows terror not dialogue. After Mandsaur now Chikalda. pic.twitter.com/m4Q6LLqNkQ
— NarmadaBachaoAndolan (@NarmadaBachao) August 7, 2017
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12 दिन से अनशन
इस मांग को लेकर वह अन्य 11 लोगों के साथ 27 जुलाई से ही अनिश्चितकालीन अनशन कर रही हैं. 12 दिन से अनशन कर रहीं मेधा की तबीयत काफी बिगड़ गई है, लेकिन वह अनशन तोड़ने को राजी नहीं हैं. धार जिले के चिखिल्दा में चल रहे मेधा के अनशन को विभिन्न विपक्षी पार्टियों से लेकर सामाजिक संगठनों तक का साथ मिल रहा है. सूत्रों के अनुसार, प्रशासन के प्रतिनिधि रविवार की रात से ही मेधा को मनाने के लिए चिखल्दा पहुंच चुके थे. जिलाधिकारी श्रीमन शुक्ला ने मेधा से कई दौर की बात कर अनशन खत्म करने का आग्रह किया, मगर वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करना चाहती थीं.
Dhar (MP): Medha Patkar, on hunger strike demanding rehabilitation of those displaced by Sardar Sarovar Dam forcibly taken away by Police pic.twitter.com/DaLqJCoAHR
— ANI (@ANI_news) August 7, 2017
पुलिस ने किया बलप्रयोग
रक्षाबंधन के दिन सुबह से ही राजघाट और चिखल्दा में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. देर शाम को भारी पुलिस की मौजूदगी में मेधा व अन्य ग्यारह को अनशन स्थल से जबरन उठाया गया और एंबुलेंस से किसी अस्पताल में ले जाया गया. इस दौरान पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई और पुलिस ने बलप्रयोग भी किया. कमिश्नर संजय दुबे ने बताया कि मेधा व अन्य की सेहत अच्छी नहीं होने के कारण उन्हें प्रशासन ने उठाया है. उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है. दुबे ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह बताने से इनकार किया कि मेधा पाटकर को किस अस्पताल ले जाया गया है.
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लोग डरे हुए हैं
इससे पहले, नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता अमूल्य निधि ने बताया, "मेधा के स्वास्थ्य में काफी गिरावट आई है. यहां भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है, जिसके चलते लोग डरे हुए हैं. सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को भेजा था, उसके बाद से उसकी ओर से कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है और न ही बातचीत का प्रयास किया गया है." मेधा की बिगड़ती तबीयत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी चिंता जता चुके हैं और उनसे उपवास खत्म करने का आग्रह कर चुके हैं. उन्होंने इंदौर के संभागायुक्त संजय दुबे, अपर सचिव चंद्रशेखर बोरकर के साथ भय्यूजी महाराज को शनिवार को मेधा से संपर्क करने भेजा था, मगर बात नहीं बनी.
40 हजार परिवार प्रभावित
सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138 मीटर किए जाने से मध्यप्रदेश की नर्मदा घाटी के 192 गांव और इनमें बसे 40 हजार परिवार प्रभावित होने वाले हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक पूर्ण पुनर्वास के बाद ही विस्थापन और बांध की ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया था. विस्थापितों के लिए जहां नई बस्तियां बसाने की तैयारी चल रही है, वहां के हालत रहने लायक नहीं हैं. विरोध की वजह यही है. मेधा अपनी मांगों पर अडिग हैं, और उनका कहना है कि पहले सरदार सरोवर के जो गेट बंद किए गए हैं, उन्हें खोला जाए, पूर्ण पुनर्वास हो, उसके बाद ही विस्थापन किया जाए. इसके लिए सरकार सीधे संवाद करे.