व्यापमं घोटाले के बाद शिवराज सरकार ने बदला पैटर्न, आवेदन से रिजल्ट तक अब फुल प्रूफ
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व्यापमं घोटाले के बाद शिवराज सरकार ने बदला पैटर्न, आवेदन से रिजल्ट तक अब फुल प्रूफ

व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाला सामने आने के कई सालों बाद एमपी सरकार ने एग्जाम पैटर्न को बदल दिया है. नए परीक्षा सिस्टम का गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है.

फाइल फोटो

भोपाल: व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाला सामने आने के कई सालों बाद एमपी सरकार ने एग्जाम पैटर्न को बदल दिया है. नए परीक्षा सिस्टम का गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. इस पैटर्न में एग्जाम के आवेदन से लेकर रिजल्ट तक की प्रक्रिया को फुल प्रूफ करने के साथ अफसरों की जिम्मेदारी तय की गई है.

अब इस प्रक्रिया से होगा व्यापमं एग्जाम
नए आदेश के मुताबिक, ऑनलाइन परीक्षा डाटा की देखरेख का जिम्मा व्यापमं को नहीं बल्कि निजी एजेंसी को सौंपा जाएगा. व्यापमं कर्मचारी-अधिकारी का नाते-रिश्तेदार पेपर सेटर नहीं होगा. इसके अलावा परीक्षा केंद्र अधीक्षक की रिपोर्ट के बाद पुलिस सुरक्षा में परिवहन होगा. स्टेट डाटा सेंटर में परीक्षा का डाटा सुरक्षित रखा जाएगा . सुरक्षित डाटा में छेड़छाड़ होने पर संबंधित एजेंसी की जिम्मेदारी होगी. परीक्षा केंद्र चयन के पहले प्रशासकीय और तकनीकी मार्गदर्शन जरूरी होगा. परीक्षा आयोजन में संलग्न हर जिम्मेदार के लिए गाइड लाइन जारी होगी. रेगुलर सायबर सुरक्षा ऑडिट के साथजरूरत पड़ने पर थर्ड पार्टी सिक्योरिटी ऑडिट होगा.व्यापमं कार्यालय में हाईटेक स्ट्रांग रूम बनाकर डाटा सुरक्षित रखा जाएगा.

नए सिस्टम को लेकर राजनीति तेज
इस नए सिस्टम को कांग्रेस ने व्यापमं - 2 की शुरूआत करार दे दिया है. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि पिछले एग्जाम सिस्टम में सबकुछ अंदर था, अब बाहर की एजेंसी को काम देकर इसमें लीकेज बढ़ाये जा रहे हैं. इससे स्टूडेंट्स के पेपर में गड़बड़ी की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस केवल राजनीति कर रही है. ये पूरा सिस्टम फुल प्रूफ होगा.

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आपको बता दें कि व्यापम घोटाला भारतीय राज्य मध्य प्रदेश से जुड़ा प्रवेश एवं भर्ती घोटाला है जिसके पीछे कई नेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यवसायियों का हाथ है. इन प्रवेश परीक्षाओं में अनियमितताओं के मामलों को 1990 के मध्य के बाद से सूचित किया गया था और पहली एफआईआर 2009 में दर्ज हुई थी. 

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