हरीश दीवेकर/भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने संविदा अध‍िकारियों व कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा में तीन साल की कटौती कर दी है. अब ये कर्मचारी 65 वर्ष की बजाय 62 वर्ष में ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे. सरकार के इस फैसले से विभिन्न विभागों के 2.50 लाख संविदाकर्मी प्रभावित होंगे. वहीं, राज्य शिक्षा केंद्र ने जिला और जनपद शिक्षा केंद्रों में संविदा पर पदस्थ 4,200 अध‍िकारियों व कर्मचारियों को लेकर भी निर्देश जारी कर दिए हैं. जिसके अनुसार अब इन कर्मचारियों को भी 62 साल में ही रिटायर किया जाएगा.


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मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से प्रदेश में संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति 'संविदा कर्मचारी नियुक्ति नियम 2011' के तहत की गई है. जिसमें रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष रखी गई है. लेकिन विधानसभा चुनाव 2018 से पहले राज्य सरकार ने संविदा पर नियुक्त अध‍िकारियों-कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति देने के नियम बनाए. जिसमें कहा गया कि संविदा कर्मचारियों को आयु सीमा के आधार पर 62 साल से पहले नहीं हटाया जा सकेगा.


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इस फैसले को लेकर प्रदेश के जनपद शिक्षा केद्रों पर संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों में सेवानिवृत्ति को लेकर असमंजस बना हुआ था. वहीं, इस मामले को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) से सुझाव मांगा था. जिसके बाद GAD ने 62 साल में ही सेवानिवृत्त करने का सुझाव दिया है. हालांकि यह नियम सिर्फ संविदा पर नियुक्ति पाने वाले अध‍िकारियों-कर्मचारियों के लिए है. अगर नियमित कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद संविदा नियुक्ति पाते हैं, तो वह 65 साल तक सेवा में रह सकेंगे.


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