पीड़िता अपने जीजा के साथ घूमने चली गई तो यह बात गांव के लोगों को नागवार गुजरी और उन्होंने पंचायत बुलाकर पहले तो लड़की को पीटा और फिर उसका सौदा कर दिया.
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धारः हमारे समाज में अभी भी कुछ जगहों पर जंगलराज जिंदा है. जहां पंचायतें इस तरह का फैसला करती हैं, जिनके बारे में सुनकर हैरानी होती है. ऐसा ही एक मामला आदिवासी बहुल धार जिले में सामने आया है, जहां एक नाबालिग बच्ची अपने जीजा के साथ घूमने गई तो उसके गांव की पंचायत ने उसे बेचने का फरमान सुना दिया. इतना ही नहीं पंचायत के इस फैसले में पिता भी शामिल हो गया और उसने भी अपनी बेटी का सौदा कर दिया.
क्या है मामला
घटना धार जिले के धरमपुरी थाना क्षेत्र के गांव प्रतापपुर दाभ्या की है. जहां 14 वर्षीय बालिका अपने जीजा के साथ मजदूरी करने गुजरात गई थी. इस दौरान वह अपने जीजा के साथ घूमने चली गई तो यह बात गांव के लोगों को नागवार गुजरी और उन्होंने पंचायत बुलाकर पहले तो लड़की को पीटा और फिर उसका सौदा कर दिया.
पंचायत के फरमान के अनुसार, लड़की को 1.5 लाख रुपए में बेचने का फैसला किया गया. बालिका को खरीदने वाला आरोपी गांव जामनझिरी कालीबावड़ी पंचायत का निवासी 25 वर्षीय युवक है. इतना ही नहीं पंचायत के फरमान के बाद पीड़िता का पिता भी इस जंगलीपन में शामिल हो गया और उसने खरीददार से 35 हजार रुपए लिए. इसी बीच इस बात की सूचना किसी ने चाइल्डलाइन को दे दी. जिसके बाद सूचना पाकर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची.
पुलिस के साथ चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक राधेश्याम काजले और चाइल्डलाइन की काउंसलर मेघा चौहान भी मौके पर पहुंची. इसके बाद चाइल्डलाइन विभाग ने रातभर पीड़िता को अपने संरक्षण में रखा और बुधवार सुबह बाल कल्याण समिति को सौंप दिया.
चाइल्डलाइन के जिला समन्वयक राधेश्याम काजले ने बताया कि पीड़ित बालिका की जब काउंसलिंग की गई तो उससे पता चला कि पंचायत के दबाव में आकर उसी के पिता ने यह सौदा किया, इसके लिए उसके पिता भी मजबूर थे.