कनीराम यादव/आगर मालवा: कोरोना के कारण आगर मालवा जिले में भी 15 अप्रैल से लेकर 1 जून तक लॉकडाउन लगाया गया था. जिसके कारण जिले के सभी क्षेत्रों में दुकानों को बंद किया गया था. उसके बावजूद लॉकडाउन में बंद दुकानों का कई गुना अधिक के बिजली बिल विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं को थमाए है. जिससे पहले ही आर्थिक मंदी की मार झेल रहे उपभोक्ता परेशान हो रहे है.


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आया 69 हजार का बिल
आगर मालवा जिला मुख्यालय पर रेस्टोरेंट चलाने वाले राजू गवली बताते है कि उनकी दुकान का औसतन 3 से 4 हजार रुपए का बिल हर महीने आता है. लेकिन इस बार के मिले बिल ने उनके होश उड़ा दिए है. उनके रेस्टोरेंट का बिल करीब 69 हजार का आया है. दुकानदार राजू गवली ने प्रशासन से सवाल खड़े करते हुए पूछा है कि लॉकडाउन के कारण रेस्टोरेंट डेढ़ महीने से अधिक समय तक पूरी तरह बंद रहा. उसके बावजूद उन्हें किस आधार पर इतनी राशी का बिल थमा दिया गया. लॉकडाउन के कारण पहले से ही आर्थिक संकट की मार पड़ रही है. अब यदि इतनी बड़ी राशी का बिजली बिल भर देंगे तो घर कैसे चलाएंगे.


बिलों में गड़बड़ी की आशंका
इस तरह की परेशानी जिले में सैकड़ो बिजली उपभोक्ताओं की है जिन्हें लॉकडाउन के बाद एक साथ भारी भरकम बिल थमा दिए गए है. जिन घरों के बिल हजार - आठ सौ के आते थे उनके भी हजारों रुपयों के बिल थमाए गए है. मामले में बिजली विभाग के डीई, बीएल गुजराती भी मानते है कि बिलो की राशी बड़ी हुई हो सकती है. क्योकि लॉकडाउन में रीडिंग नहीं ली गई थी और अब रीडिंग के अनुसार बिल दिए गए है. यदि बिजली के बिलो में गड़बड़ी की आशंका है तो उपभोक्ता विभाग के सम्पर्क कर सकता है.


बिजली बिल खोल रहे दावों की पोल
बड़े हुए बिजली के बिलो की वजह कुछ भी हो पर लॉक डाउन के बाद इन बिजली बिलों के झटके उपभोक्ताओं के होश उड़ा रहे है. सस्ती बिजली और लॉकडाउन में सभी वर्गों के सरकारी ख्याल रखे जाने के दावों की पोल ये बिजली के बिल बखूभी खोल रहे है. इन सब में परेशानी उपभोक्ताओं को ही हो रही है और वे अब चक्कर लगाने को मजबूर है.


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