नई दिल्ली: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन 1 फरवरी को बजट पेश करने वाली है. इस बजट में सरकार कई प्रोडक्ट पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है. ऐसा होने से विदेशों से आयात होने वाले इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं. सरकार लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए इस तरह का कदम उठा सकती है. बजट में इस तरह का ऐलान इसलिए भी किया जा सकता, क्योंकि मानक स्तर से कम व गैर जरूरी चीजों के आयात को कम किया जाएगा.


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सूत्रों के अनुसार ऐसे प्रोडक्ट की सूची भी तैयार कर ली गई है, जिनकी कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा बजट में की जा सकती है, लेकिन इस बात का ध्यान भी रखा जा रहा है कि सिर्फ उन्हीं प्रोडक्ट की कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जाये जिनके विकल्प भारत में पहले से ही मौजूद है. दूसरे देशों से आयात होने वाले सामानों पर जो ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है.


'आत्मनिर्भर भारत' पर फोकस
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान पर फोकस कर रही है. इसी के तहत लोकल बाजार और स्वदेशी कंपनियों को बढ़ावा देने की योजना पर काम किया जा रहा है.


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रॉ मैटेरियल पर ज्यादा ड्यूटी लगाने पर फोकस
सरकार रॉ मैटेरियल पर भी कस्टम ड्यूटी ज्यादा लगा सकती है. इससे पहले इंडस्ट्री ने ऐसे करीबन 1,173 आइटमों की पहचान की थी, जिनमें ऑटो के सामान, एसी कंप्रेसर और रेफ्रिजरेटर शामिल हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अल्यूनिनियम प्रोडक्ट और इलेक्ट्रिकल मशीनरी पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है.


अधिकतर चीन से आयात होने वाले सामान पर बढ़ सकती है कस्टम ड्यूटी
जिन प्रोडक्ट पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की चर्चा है, उनमें से अधिकतर चीन से आते हैं, जबकि इनमें वे प्रोडक्ट भी शामिल हैं, जो देश में भी बनाए जा सकते हैं. बात अगर 2019 की करें तो 12 अरब डॉलर के इस तरह के प्रोडक्ट का विदेशों से आयात किया गया था, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि इन प्रोडक्ट की देश के कुल आयात में महज 2.3 प्रतिशत ही हिस्सेदारी थी. 2019 का बजट पेश किए जाने से पहले भी कॉमर्स एवं इंडस्ट्री मंत्रालय ने ये सुझाव दिया था कि कम से कम 300 सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी जाए.


ये सामान भी हो सकते हैं महंगे
माना जा रहा है कि जिन प्रोडक्ट पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जानी है उमें चप्पल, जूते, फर्नीचर, टीवी और खिलौने शामिल हैं. मंत्रालय का मानना है कि ये सभी प्रोडक्ट इंपोर्ट होने वाली जरूरी चीजों के दायरे में नहीं आते. इसलिए इनकी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है. कहा तो ये भी जा रहा है कि भारत और चीन के बीच जारी तनाव की वजह से भी सरकार इस तरह के कदम उठा रही है.


चीन को लगेगा झटका
पिछले बजट में भी कुछ प्रोडक्ट पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई थी. ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा बजट में ड्यूटी बढ़ाए जाने का फैसला किसी खास देश को लक्ष्य बनाकर नहीं लिया जाएगा, लेकिन इससे चीन ज्यादा प्रभावित होगा, क्योंकि भारत में सस्ते और कम गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट सबसे ज्यादा चीन से ही आयात होते हैं. जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2021 के लिए बजट पेश होने से पहले  कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री फुटवियर, फर्नीचर, टीवी पार्ट्स, केमिकल्स और खिलौने समेत 300 सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाए जाने का सुझाव दे चुकी है. इन प्रोडक्ट को मंत्रालय ने गैर जरूरी बताया है.


क्या होती है कस्मट ड्यूटी और क्यों लगाई जाती है
कस्टम ड्यूटी को हम ऐसे समझ सकते हैं कि किसी भी वस्तु को किसी एक सीमा(क्षेत्र)से दूसरी सीमा(क्षेत्र)में ले जाने पर लगने वाला टैक्स, कस्टम ड्यूटी कहलाता है. ये केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाने वाला एक अप्रत्यक्ष भी कहलताता है, जो आयात और निर्यात किए गए सामानों पर लगता है. कस्टम ड्यूटी लगाने का असर ये होता है कि उस सामान की भारतीय बाजार में कीमत बढ़ जाती है. कस्टम ड्यूटी का उद्देश्य देश की राजस्व को बढ़ाने और दूसरे देशों से मिले वाली प्रतियोगिता से बचने के लिए लगाया जाता है. कस्टम ड्यूटी को सामान के मूल्य, वज़न आदि के आधार पर लगाया जाता है.


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