Chhattisgarh Rice mill Scam: छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां पर बहुतायत मात्रा में धान की खेती की जाती है. धान की अधिक पैदावार की वजह से चावल भी खूब पाया जाता है. हालांकि इस समय चावल घोटाले को लेकर प्रदेश चर्चाओं में है. साल 2017 से लेकर 2023 तक छत्तीसगढ़ में करीब 125 करोड़ का घपला हुआ था. जिसकी जांच ईडी कर रही है. इस घोटाले में ईडी ने एक और गिरफ्तारी की है. 


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दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने 175 करोड़ रुपए के हुए चावल मिल घोटाले में इससे पहले चावल मिल मालिक एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष को हिरासत में लिया था, इसके बाद इसे गिरफ्तार कर लिया गया था. लगातार जांच पड़ताल में लगी टीम ने धमतरी जिले के कुरूद स्थित चावल मिल मालिक रोशन चंद्राकर को भी गिरफ्तार किया गया है. 


इससे पहले इस मामले में ईडी ने ‘मार्कफेड’ के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) मनोज सोनी को गिरफ्तार किया गया था. मामला कर विभाग से भी जुड़ा हुआ था. विभाग ने आरोप लगाया था कि मिल मालिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मार्कफेड के पदाधिकारियों के साथ पैसे का दुरूपयोग करने की साजिश भी रची थी.


यहां मारा गया था छापा 
चर्चित चावल घोटाले को लेकर बीत दिनों ईडी ने प्रदेश के 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी. जिसके बाद कई राइस मिल के मालिकों और चावल का व्यापार करने वाले बड़े कारोबारियों में खलबली मच गई थी. 


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चर्चित चावल घोटाला 
छत्तीसगढ़ में चावल घोटाला काफी ज्यादा सुर्खियों में रहा है. ईडी इस मामले की जांच करने में जुटी हुई है. दरअसल साल 2017 से साल 2023 के बीच करीब 125 करोड़ का घपला हुआ था. इसके तहत राशन की दुकानों का चावल बाजार में बेचा गया था. जांच एजेंसी के मुताबिक प्रदेश के कई जिलों के करीब 13,415 राशन दुकानों से करीब 12.50 लाख टन चावल बाजारों में बेचा गया था. इसके बाद इसे लेकर लगातार जांच चल रही है.