`पंख अभियान` की शुरुआत कर CM ने मनाया राष्ट्रीय बालिका दिवस, जानें अभियान के बारे में
पंख (PANKH) अभियान की शुरुआत राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर की गई है. जिसका उद्देश्य बालिकाओं का सुरक्षित रख कर उनका विकास करना है.
भोपालः मध्य प्रदेश में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बालिकाओं के लिए 'पंख अभियान' की शुरुआत की. सीएम ने इसके साथ ही 'लाडली लक्ष्मी योजना' के अंतर्गत आने वाली बेटियों को छात्रवृत्ति की राशि भी वितरित की. इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश के समस्त जिलों से लगभग 50 लाख लोग ऑनलाइन जुड़े.
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12 बजे से शुरू हुआ कार्यक्रम
CM शिवराज ने दोपहर 12 बजे से भोपाल के मिंटो हॉल में कार्यक्रम की शुरुआत की. जहां उन्होंने अपना भाषण देने के बाद 'प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना' की हितग्राहियों को मातृ सहायता राशि प्रदान की. उन्होंने 501 आंगनबाड़ी भवनों और 12 वन स्टॉप सेंटर्स का लोकार्पण भी किया. कार्यक्रम के दौरान 'पंख अभियान' सबसे ज्यादा चर्चित रहा, जिसकी शुरुआत भी सीएम ने कार्यक्रम के दौरान ही की.
'पंख' पुस्तिका का किया विमोचन
सीएम ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक विकास से है. जिससे प्रदेश की बेटियों का समग्र विकास होगा. सीएम के संबोधन के बाद 'मध्य प्रदेश गान', 'लाडली लक्ष्मी योजना' पर नृत्य नाटक और 'जीने दो' गाने का प्रस्तुतीकरण हुआ. सीएम ने बालिका सशक्तिकरण के लिए तैयार की गई पुस्तिका 'पंख' का विमोचन भी कार्यक्रम के दौरान कर इस अभियान की आधिकारिक शुरुआत की.
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क्या है 'पंख' का अर्थ?
पंख (PANKH) अंग्रेजी अक्षरों P, A, N, K, H, का हिंदी नाम है. जिसमें 'P' से Protection यानि संरक्षण, 'A' से Awareness यानी जागरूकता, 'N' से Nutrition यानी पोषण, 'K' से Knowledge यानी ज्ञान, और 'H' से Health and Hygiene यानी स्वास्थ्य और स्वच्छता होता है.
विभिन्न विभागों को सौंपी अभियान पूरा करने की जिम्मेदारी
अभियान को पूरा करने की जिम्मेदारी शिक्षा, सामाजिक कल्याण, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की रहेगी. जो डेटाबेस तैयार कर बेटियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे और उनके विकास की देखरेख करेंगे. योजना के अंतर्गत पुलिस विभाग के साथ मिलकर किशोरियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण और पंचायत स्तर पर वोकेशनल ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
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2008 में हुई थी बालिका दिवस मनाने की शुरुआत
भारत सरकार ने 2008 में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी. 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1966 में इंदिरा गांधी ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. इस दिन देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. जिसमें सेव द गर्ल चाइल्ड, चाइल्ड सेक्स रेशियो, और बालिकाओं के लिए स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने समेत अनेक जागरूकता कार्यक्रम शामिल रहते हैं.
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