छत्तीसगढ़ में Coronavirus Blast! 7 दिन में मिले 67 हजार मरीज, यहां हालात खराब
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छत्तीसगढ़ में Coronavirus Blast! 7 दिन में मिले 67 हजार मरीज, यहां हालात खराब

Chhattisgarh में एक्टिव मरीजों की दर 22 फीसदी हो गई है. इसका मतलब ये है कि राज्य में हर 100 में से 22 मरीज अस्पताल या घर में इलाज करा रहे हैं. 

फाइल फोटो.

रायपुरः कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जो राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, उनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है. छत्तीसगढ़ में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. मंगलवार को भी राज्य में कोरोना के कुल 15121 मरीज मिले. जिसके बाद राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 109139 हो गई है. राजधानी रायपुर सबसे ज्यादा प्रभावित है. जहां एक ही दिन में 4 हजार से ज्यादा मरीज मिले. 

7 दिन में मिले 67 हजार केस 
छत्तीसगढ़ में कोरोना से बिगड़ते हालात को इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां बीते सात दिनों में ही 67 हजार से ज्यादा मरीज मिले हैं. साथ ही राज्य में एक्टिव मरीजों की दर 22 फीसदी हो गई है. इसका मतलब ये है कि राज्य में हर 100 में से 22 मरीज अस्पताल या घर में इलाज करा रहे हैं. मंगलवार को एक ही दिन में कोरोना से राज्य में 109 मरीजों की मौत हुई है. 

इन जिलों में बिगड़े हालातये है स्थिति बिगड़ने की वजह
राजधानी रायपुर में कोरोना से हालात काफी खराब हो गए हैं. मंगलवार को रायपुर में कोरोना के 4 हजार से ज्यादा मरीज मिले, साथ ही 53 कोरोना मरीजों की मौत हो गई. बता दें कि रायपुर में अभी तक कोरोना से कुल 1319 मरीजों की मौत हो चुकी है. रायपुर के बाद दुर्ग जिले में मंगलवार को 1755, राजनांदगांव में 1291 और बिलासपुर में 1024 मरीज मिले. इनके अलावा बलौदाबाजार, बेमेतरा, गरियाबंद, जांजगीर चांपा और कोरबा में तेजी से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं. 

कोरोना की पहली लहर के दौरान ठीक होने मरीजों की संख्या जहां वक्त के साथ बढ़ती गई थी और संक्रमितों की संख्या कम होती गई थी, जिसके चलते कोरोना पर नियंत्रण पाया गया था. लेकिन इस बार संक्रमितों की संख्या ठीक होने वाले मरीजों की संख्या से ज्यादा है, जिससे स्थिति बिगड़ती जा रही है. 

मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों की भी लगेगी ड्यूटी
कोरोना संकट के इस समय में छत्तीसगढ़ सरकार ने फैसला किया है कि स्टाफ की कमी को देखते हुए नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स की भी मदद ली जाएगी. साथ ही फील्ड के डॉक्टरों, जिनमें इमरजेंसी सेवाओं में लगे डॉक्टर और मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में लगे डॉक्टरों की भी कोविड केयर सेंटर्स में तैनाती की जाएगी. 

  

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