मुरैनाः झांसी-कानपुर हाईवे से अपहरण किए गए डॉक्टर गुरु बक्सानी अपहरणकर्ताओं को चकमा देकर भाग निकले. डॉक्टर करीब डेढ़ किलोमीटर तक पानी से भरे खेतों में घुटनों के बल चलते हुए मुरैना जिले के हिंगोना गांव की मुख्य सड़क पर आए और तुरंत 100 डायल को सूचना दी. जिसके बाद मुरैना की सिविल लाइन थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डॉक्टर गुरु बक्सानी को थाने ले आई. लेकिन इस तरह अचानक 24 घंटे बाद उनकी रिहाई पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. 


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बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ताओं ने डॉक्टर को हिंगोना गांव के पास एक खेत में रातभर बंधक बनाए रखा. लेकिन सुबह जब अपहरणकर्ताओं की नींद लगी तो डॉक्टर गुरु बक्सानी उन्हें चकमा देकर भाग निकले. तब उनके पैरों में जंजीर बंधी थी. 


कैसे हुआ था डॉक्टर अपहरण 
झांसी के संगम विहार कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर आरके गुरु बक्सानी रोजाना की तरह 29 जनवरी को सुबह अपने घर से मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, लेकिन कॉफी देर तक घर नहीं लौटे. जिसके बाद उनके परिजनों ने झांसी के सीपरी थाने में इस मामले की सूचना दी. डॉक्टर बक्सानी की तलाशी के लिए पुलिस ने चारों तरफ नाकेबंदी कराई. 


कुख्यात डकैत ददुआ के नाम पर किया गया अगवा 
बताया जा रहा है कि झांसी के डॉक्टर को चित्रकूट के कुख्यात डकैत रहे ददुआ के नाम पर अगवा किया गया था. अपहरणकर्ताओं ने डॉक्टर बक्सानी से कहा कि ददुआ के नाती की तबीयत खराब है, इसलिए आप उसके इलाज के लिए चलिए. जैसे ही डॉक्टर कार में बैठे तो अपहरणकर्ताओं ने उन्हें बंधक बना लिया. यानि पूरा मामला फिरौती के लिए अपहरण का निकला. 


डॉक्टर को मुरैना लेकर पहुंचे अपहरणकर्ता 
अपहरणकर्ता डॉक्टर बक्सानी को लेकर मौके से भागे, डॉक्टर को अपहरणकर्ताओं ने दिनभर कार में झांसी से मुरैना तक घुमा फिराकर रात होते ही बाइक से खेतों में ले जाकर पैरों में जंजीर बांध दी, रात भर डॉक्टर अपहरणकर्ताओं की कैद में रहे. 


गहरी नींद में सो गए अपहरणकर्ता, भाग निकले डॉक्टर 
सुबह होते-होते कहानी से पलट गई. अपहरणकर्ता अचानक गहरी नींद में सो गए. जिसके बाद डॉक्टर यह मौका देखकर भाग निकले. डॉक्टर खेतों में क्रॉलिंग करते हुए सड़क तक पहुंचे. पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने डॉक्टर को रेस्क्यू कर लिया. जानकारी मिलते ही झांसी पुलिस की टीम डॉक्टर के परिजनों को लेकर मुरैना आई, जिसके बाद डॉक्टर के परिजन उन्हें वापस लेकर चले गए. 


रिहाई पर उठ रहे सवाल 
सूत्रों की माने तो अपहरणकर्ता डॉक्टर को छोड़ने के बदले दो करोड़ रुपए की फिरोती की योजना बना रहे थे. हालांकि इस संबध में मुरैना और झांसी पुलिस कुछ भी कहने से इंकार करती नजर आ रही है. दूसरा सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि पुलिस वाले डॉक्टर को लेकर थाने पहुंच गए. लेकिन मौके पर सर्चिंग कर अपहरणकर्ताओं को पकड़ने की कोशिश क्यों नहीं की गई.


माना जा रहा है कि डॉक्टर की रिहाई फिरोती लेकर की गई है. हालांकि इस बात की अब तक कोई पुष्टी नहीं की गई है. जबकि डॉक्टर के परिजन भी उन्हें मुरैना से वापस झांसी लेकर रवाना हो गए हैं. जिस तरह से यह पूरा मामला सामने आया है वह अपने आप में कई कहानियां कह रहा है. वही पुलिस इस पूरे मामले में आगे जांच की बात कहती नजर आ रही है. 


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