बुजुर्गों को 'कचरा' समझने वाले कर्मचारियों का जनता ने बनाया video, वायरल हुआ तो अफसर-कर्मचारियों पर गिरी गाज
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh838042

बुजुर्गों को 'कचरा' समझने वाले कर्मचारियों का जनता ने बनाया video, वायरल हुआ तो अफसर-कर्मचारियों पर गिरी गाज

स्थानीय युवक ने बताया कि इंदौर नगर-निगम के कर्मचारी इन बुजुर्गों को क्षिप्रा के किनारे छोड़कर भागने वाले थे. बुजुर्गों को इस तरह बैठाया गया था जैसे वे कोई जानवर हों. जब स्थानीय लोगों ने कहा कि इन बुजुर्गों को इस तरह से यहां नहीं छोड़ना चाहिए और निगम कर्मचारियों का विरोध किया और वीडियो बनाना शुरू किया.

वायरल वीडियो की एक तस्वीर. (वीडियो ग्रैब इमेज)

भोपाल: इंदौर में नगर-निगम कर्मचारियों द्वारा बजुर्गों को कचरा गाड़ी में भरकर क्षिप्रा नदी के किनारे छोड़ने के मामले में आला अधिकारियों पर गाज गिरी है. दरअसल नगर निगम कर्मचारियों की इस करतूत को जनता ने कैमरे में कैद कर लिया था. घटना की वीडियो काफी वायरल हो रही है. इसके बाद हंगामा बढ़ने पर नगर निगम उपायुक्त प्रताप सोलंकी पर गाज गिरी है और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. घटना के समय मौजूद नगर निगम के दो कर्मचारियों को भी निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं.

क्या है मामला
इंदौर नगर-निगम के कर्मचारियों ने शहर के बेसहारा बुजुर्गों को एक कचरा गाड़ी में भरकर उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे छोड़ दिया. स्थानीय लोगों ने यह सब देख लिया और बुजुर्गों को इस तरह से बेसहारा सड़क पर छोड़ देने का विरोध किया. जिस पर मौके पर हंगामा बढ़ता देख नगर निगम कर्मचारी बुजुर्गों को गाड़ी में वापस भरकर ले गए. इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है.

स्थानीय लोगों ने दी घटना की जानकारी
एक स्थानीय युवक ने बताया कि इंदौर नगर-निगम के कर्मचारी इन बुजुर्गों को क्षिप्रा के किनारे छोड़कर भागने वाले थे. बुजुर्गों को इस तरह बैठाया गया था जैसे वे कोई जानवर हों. जब स्थानीय लोगों ने कहा कि इन बुजुर्गों को इस तरह से यहां नहीं छोड़ना चाहिए और निगम कर्मचारियों का विरोध किया और वीडियो बनाना शुरू किया. इसके बाद निगम कर्मचारी आनन-फानन में बुजुर्गों को फिर से कचरा गाड़ी में बैठाकर वापस लेकर इंदौर चले गए. 

युवक ने बताया इंदौर नगर निगम के तीन कर्मचारी जिस गाड़ी में भरकर बुजुर्गों को क्षिप्रा के किनारे छोड़ने आए थे, उस गाड़ी का नंबर MPF-7622 था. जब उनसे यह पूछा गया कि इन बुजुर्गों को इंदौर में कहा से उठाया गया है तो इसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और भाग निकले. 
 
बुजुर्गों को एक दूसरे के ऊपर लादकर बिठाया गया था

युवक ने बताया कि नगर-निगम के कर्मचारियों ने करीब 15 से 20 बुजुर्गों को गाड़ी में एक-दूसरे के ऊपर लादकर बिठाया था. इनमे से कई लागों की हालत तो इतनी खराब थी कि वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे. निगम कर्मचारियों ने उन्हें गाड़ी से उठाकर नीचे बिठा दिया था. हालांकि विरोध के बाद स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें फिर से गाड़ी में बिठाया गया और वापस इंदौर भेजा गया. 

Watch LIVE TV-

Trending news