अब ठिकरिया गांव में किसी भी समारोह के दौरान रात 10 बजे के बाद डीजे नहीं बजेगा और यदि ऐसा पाया गया तो उस पर कानूनी कारवाई होगी.
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रतलाम: रतलाम के ठिकरिया पंचायत के सभी गांव के ग्रामीणों ने ग्राम सभा कर अपनी पंचायत क्षेत्र में एक बड़ा कानून पारित किया है. अब ठिकरिया गांव में किसी भी समारोह के दौरान रात 10 बजे के बाद डीजे नहीं बजेगा और यदि ऐसा पाया गया तो उस पर कानूनी कारवाई होगी. यह गांव के सिर्फ कुछ लोगों की सहमति से नहीं बल्कि ठिकरिया पंचायत के सभी 8 गांव की सहमति से फरमान जारी हुआ है.
दरससल 4 दिन पूर्व शनिवार को ठिकरिया गांव में शादी वाले घर के एक परिवार में रातभर अन्धविश्वास के नाम पर मौत का तांडव मचा और इस तांडव में घर के एक युवक और उसके 3 साल के पुत्र की अंधविश्वास के तांडव में अपनों ने ही जान ले ली थी. जिसके बाद पंचायत ने यह फैसला लिया है.
डीजे नहीं बजता तो बच जाती जिंदगी
ग्रामीणों को इस घटना में एक बात का मलाल जीवन भर रहेगा कि यदि उस रात गांव में एक शादी समारोह के दौरान रातभर तेज धमामकेदार डीजे नहीं बजता तो उस अंधविश्वास के तांडव में गूंजती चीखे गांव के लोगों को सुनाई पड़ जाती और 2 जिंदगियां अंधविश्वास की बली चढ़ने से बच जाती. इसलिए इस तरह की अन्य और कोई घटना दोबारा पूरी पंचायत के किसी गांव में किसी के साथ न घटे इसके लिए ठिकरिया ग्राम पंचायत में ग्राम सभा आयोजित कर एक कठोर फैसला लिया गया. जिसमें कहा गया कि आज के बाद ठिकरिया पंचायत में किसी घर में चाहे शादी समारोह हो या अन्य कोई समारोह डीजे देर रात तक नहीं बजेगा.
कानूनी कार्रवाई की जाएगी
इस नियम के लागू होने के बाद पंच व आशा कार्यकर्ताओं को इस फरमान की जानकारी पंचायत के सभी गांव में घर-घर तक पहुंचने की जवाबदारी भी दे दी गयी है. वहीं इसके बाद भी यदि किसी समारोह में डीजे 10 बजे के बाद भी बजाया गया तो उस पर कानूनी कारवाई पर भी ग्राम सभा में सहमति दे दी गयी है. इसके लिए बाकायदा पंचायत के रजिस्टर में सरपंच सचिव के हस्ताक्षर के साथ पांचों व ग्रामीणों की सहमति के साथ आदेश पारित करवा दिया गया है.
रातभर बजता है गांव में डीजे
बता दें कि ग्रामीण इलाकों में आज भी देर रात में शादी की रस्में निभाई जाने का चलन है. शादी के सात फेरे और पूजा पाठ की सारी रस्में देर रात और कहीं-कहीं तो सुबह तक चलती रहती है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में शादी समारोह में रातभर डीजे की धुन पर लोग झूमते रहते है. डीजे की आवाज भी इतनी तेज होती है कि पूरे गांव में डीजे की धमक गूंजती है. ऐसे में गांव में यदि किसी के साथ कोई आपराधिक घटना हो जाये तो इसकी कई बार जानकारी नहीं लग पाती क्योंकि डीजे की तेज धुन में किसी को कोई दूसरी आवाज नहीं सुनाई देती है.
दूसरी पंचायत के ग्रामीण इस पहल की कर रहे सराहना
दूसरी पंचायत के ग्रामीण संजू ने बताया कि गांवो में आज भी देर रात तक शादी की रस्मे निभाने की प्रथा है. जिसके चलते शादी की धूम में देर रात तक डीजे बजते रहते है और ऐसे में कई बार गांव में अपराध चोरी ,दुष्कर्म घटना हो जाती है. जिसका डीजे के शोर में पता नहीं चलता है. वहीं दूसरे ग्रामीण जितेंद्र ने बताया कि ठिकरिया पंचायत में डीजे रातभर नहीं बजाने का जो फैसला लिया गया है, वह सराहनीय है. ग्रामीण अंचलों में रात में ही शादियां होती है. ऐसे में देर रात तक डीजे बजाए जाते है लेकिन डीजे रात भर या देर रात तक नहीं बजाने चाहिए.
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