बर्ड फ्लू से बचाने के लिए कड़कनाथ को पिलाई जा रही हल्दी, कृषि वैज्ञानिक ने बताया किस तरह करें उपयोग
भारत में बर्ड फ्लू की शुरुआत साल 2006 में ही हो गई थी. बर्ड फ्लू कोरोना वायरस से भी खतरनाक बताया जाता है, जो सीधा व्यक्ति की श्वास नली पर अटैक करता है.
वैभव शर्मा/ग्वालियरः कोरोना महामारी पूरी तरह खत्म भी नहीं हो पाई थी कि देश में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी. बर्ड फ्लू को देखते हुए मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों को अलर्ट कर दिया गया है. मध्य प्रदेश में इंदौर, मंदसौर, आगर, खंडवा, नीमच, देवास, गुना, उज्जैन और खरगौन जिलों में कौओं में संक्रमण की पुष्टि हुई है. लेकिन ग्वालियर के एक कृषि वैज्ञानिक ने बर्ड फ्लू से बचने का देसी तरीका निकाला है. यह तरीका हल्दी से बनाकर तैयार किया गया है.
ऐसे कर सकते हैं उपयोग
कृषि वैज्ञानिक डॉ राज सिंह कुशवाह ने बताया है कि गुणकारी हल्दी बर्ड फ्लू से बचाने में मुर्गों के काम आ रही है. एक चुटकी इस्तेमाल से ही बर्ड फ्लू में राहत मिलती नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि हल्दी के सेवन से इम्युनिटी पावर बढ़ती है. कड़कनाथ मुर्गों को यह हल्दी गर्म पानी में एक चुटकी मिलाकर पिलाई जा रही है. पिछले कुछ दिनों से लगातार इस उपाय का प्रयोग करने से मुर्गों में अब तक बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं मिले हैं.
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14 सालों में 25 बार आ चुका है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू का मामला भारत में पहली बार सामने नहीं आया है. देश में करीब 14 साल पहले साल 2006 में बर्ड फ्लू की शुरुआत हुई थी. तब से अब तक 25 से ज्यादा बार बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. इस बार 2021 की शुरुआत में ही बर्ड फ्लू देश के अलग-अलग हिस्सों में फैलने लगा है. बर्ड फ्लू अक्सर सर्दी के मौसम में ही सक्रिय होता है. जो इंसान की श्वास नली पर सीधा असर डालता है.
खुद को ऐसे बचाए बर्ड फ्लू से
1. संक्रमित पक्षी को अपनी फूड चेन में आने से रोकें
2. कच्चे या अधपके मांस का सेवन न करें
3. कच्चे खाने और पके हुए खाने के लिए अलग बर्तन और खासकर अलग चाकू का उपयोग करें
4. कच्चे या उबले अंडे न खाएं.
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इंसानों में बर्ड फ्लू के लक्षण
1. गले में कफ (COUGH) बनना
2. सिर दर्द, गले में सूजन
3. मांसपेशियों में दर्द होना, चक्कर आना
4. पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना.
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