बिजली के दामों को लेकर हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, आम लोगों को दी बड़ी राहत
मध्य प्रदेश में बिजली के दामों को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.
जबलपुरः मध्य प्रदेश में बिजली की दरों को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश में 26 अप्रैल तक किसी भी प्रकार के बिजली दरें नहीं बढ़ाए जाने का निर्देश दिए हैं. यह अहम निर्देश मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.
हाईकोर्ट में दायर की गई थी यह याचिका
टीकमगढ़ निवासी निर्मल लोहिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, इस याचिका में दलील दी गई कि मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन की धारा 12 के तहत बिजली टैरिफ संबंधी याचिकाओं पर आम नागरिकों को आपत्ति करने का अधिकार दिया गया है. जिसके माध्यम से नियामक आयोग आपत्तिकर्ता के तर्कों को सुनने के बाद टैरिफ याचिका पर फैसला लेता है. लेकिन बार-बार तर्कों को सुनने के बाद भी नियामक आयोग कोई फैसला नहीं ले रहा था.
याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि बिजली कंपनियों ने बिजली के रेट बढ़ाने की बात कही थी, उसको लेकर याचिकाकर्ता ने 3 मार्च 2021 को विद्युत नियामक आयोग के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत की थी. लेकिन आयोग ने उनकी आपत्ति को स्वीकार नहीं किया और नए टैरिफ को लेकर जनहित सूचना भी जारी कर दी. यानि बिना जवाब दिए ही जनहित सूचना के माध्यम से टैरिफ याचिकाओं पर आयोग जल्द फैसला भी पारित करने जा रहा है. लेकिन नियमों के मुताबिक आयोग आम लोगों की आपत्तियों का जवाब दिए बिना बिजली के दाम नहीं बढ़ाए जा सकते हैं. लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने इस बात का ध्यान नहीं दिया.
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दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक
याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस विशाल भगत की एकल पीठ ने नियामक आयोग की टैरिफ याचिकाओं पर आगामी फैसले और पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई तक कोई भी आदेश पारित ना करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार समेत बिजली कंपनियों को भी नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. ऐसे में अब फिलहाल बिजली के दाम नहीं बढ़ाए जा सकते हैं.
दरअसल, मध्य प्रदेश देश के उन राज्यों में से एक है, जहां बिजली के दाम सबसे ज्यादा है, बावजूद इसके इस साल भी बिजली कंपनियों ने रेट बढ़ाने के प्रस्ताव भेजे हैं. उनकी ओर से कहा गया है कि बढ़ते दामों पर कंट्रोल भी किया जा सकता है. इसके लिए सरकार को थर्मल बिजली उत्पादन गृहों की क्षमता को बढ़ाना होगा. ऐसा करने से बिजली कंपनियों की आमदनी बढ़ेगी और आमदनी-खर्च के बीच रेवेन्यू गैप कम होगा. लेकिन, अगर थर्मल बिजली उत्पादन गृहों की क्षमता नहीं बढ़ी तो विद्युत आयोग को दाम बढ़ाने होंगे. लेकिन फिलहाल हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अब बिजली के दाम नहीं बढ़ाए जा सकेंगे.
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