भोपालः कड़कनाथ मुर्गा (Kadaknath Murga) अपनी विशिष्ठ पहचान के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. इस मुर्गे की खासियत है कि यह पूरी तरह से काला (Black kadaknath) होता है और इसका मांस और खून भी काले रंग का होता है. कड़कनाथ मुर्गे का मांस सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. अपने औषधीय गुणों (Medicinal Qualities) के चलते कड़कनाथ मुर्गे की खासी मांग रहती है और इसी वजह से कड़कनाथ मुर्गा पालन (Kadaknath Murgi Palan) कमाई का बेहतरीन जरिया बन जाता है. उल्लेखनीय पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) भी कड़कनाथ मुर्गा पालन करते हैं. तो आइए जानते हैं कि कड़कनाथ मुर्गा पालन कैसे कर सकते हैं और इसके कारोबार से कैसे आप भी लाखों रुपए मुनाफा कमा सकते हैं?


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कड़कनाथ (Kadaknath) मुर्गे की खासियत
कड़कनाथ मुर्गे की उत्पत्ति मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में हुई. इसके चलते मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग (GI Tag) भी मिला हुआ है. इसका मतलब ये है कि इसके जैसा कोई नहीं है. इस मुर्गे के मांस में आयरन और प्रोटीन ज्यादा पाया जाता है. इसके मांस की खासियत ये है कि इसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल भी कम पाया जाता है, जिसके चलते ह्रदय और डायबिटीज के रोगियों के लिए यह चिकन बेहद फायदेमंद (Health Benefits of Kadaknath) माना जाता है. 


कड़कनाथ मुर्गी पालन (Kadaknath Murgi Palan) से कमा सकते हैं लाखों रुपए का मुनाफा
कड़कनाथ मुर्गी पालन से आम मुर्गी पालन के मुकाबले कई गुना ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. बता दें कि कड़कनाथ मुर्गी के चूजे का रेट 70-100 रुपए के बीच है. इसके एक अंडे का रेट 20-30 रुपए तक होता है. बाजार में एक कड़कनाथ मुर्गी की कीमत करीब 3-4 हजार होती है और इसके मांस की बात करें तो यह आमतौर पर 700-1000 रुपए किलो तक बिकता है. वहीं सर्दियों के मौसम में जब मांस की खपत ज्यादा होती है, उस वक्त कड़कनाथ मुर्गे के मांस की कीमत 1000-1200 रुपए किलो तक पहुंच जाती है. 


कड़कनाथ के मांस के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी बढ़ती है. यही वजह है कि कड़कनाथ की बाजार में बहुत ज्यादा डिमांड है. औषधीय गुणों, रखरखाव में आसानी के चलते कड़कनाथ मुर्गे का पालन फायदे का सौदा माना जाता है. 


कैसे करें कड़कनाथ मुर्गे का पालन
कड़कनाथ मुर्गों का पालन भी आम मुर्गों की तरह ही किया जा सकता है. इनके खान-पान में भी ज्यादा खर्च नहीं आता है और ये हरा चारा, बरसीम, बाजरा आदि खाकर तेजी से बढ़ते हैं. मुर्गी पालन के लिए इसके चूजों के लिए किसी मुर्गीपालन करने वाले किसान से या फिर जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं. कड़कनाथ मुर्गी पालन फार्म गांव या शहर से थोड़ी दूरी पर होना बेहतर होता है. कृषि विज्ञान केंद्र या किसी पोल्ट्री फार्म से इनके पालन की ट्रेनिंग ली जा सकती है. पोल्ट्री फार्म में रोशनी और पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो और फार्म में पानी का जमाव नहीं होना चाहिए.  


सरकार भी लोगों को मुर्गी पालन के लिए प्रोत्साहित करती है. इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने कड़कनाथ मुर्गी पालन योजना शुरू भी की है. इस योजना के तहत सरकार जरूरतमंदों को 40 चूजों के पालन के लिए 4400 रुपए का अनुदान देती है. संबंधित जिले के पशु चिकित्सा अधिकारी या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर इस योजना का लाभ लिया जा सकता है.


इसके अलावा केंद्र सरकार सभी राज्यों में नेशनल लाईव स्टॉक मिशन और नाबार्ड के तहत भी योजनाएं चलाती है. इनमें सरकार सब्सिडी की सुविधा भी देती है.