नई दिल्ली: कल यानी 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2021) है, जिसका हमारे हिंदु धर्म में खास महत्व है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन स्नान, व्रत और दान करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है, इसके साथ ही माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं. इस दिन लोग पवित्र नदियों में जाकर स्नान करते हैं.


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कार्तिक पूर्णिमा को देव दिपावली भी कहा जाता है. कहा जाता है कि इस दिन देवी-देवता स्वर्गलोक से पृथ्वीलोक पर आते हैं, मान्यता ये भी है कि देवी देवता इस दिन वाराणसी के गंगा घाट पर स्नान करते हैं. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली (Dev Deepawali) भी मनाई जाती है. इसके साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गुरुनानक देव की जयंती (Guru Nanak Jayanti 2021) भी मनाई जाती है.


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तुलसी पूजा का है विशेष महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा (Tulsi Puja)करना शुभ माना जाता है, कहा जाता है कि इस दिन तुलसी की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आप पर कृपा बरसाती है.


कार्तिक पूर्णिमा तिथि का आरंभ और समापन
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 18 नवंबर को दोपहर 12:00 बजे से शुरू हो रही है जो 19 नवंबर दोपहर 02:26 पर समाप्त होगी. कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय शाम 5 बजकर 28 मिनट 24 सैकंड है.


इन उपायों से होंगे लाभ


  1. कार्तिक पूर्णिमा पर हाथ में कुशा लेकर पवित्र नदी में स्नान करने से रोगों से मुक्ति मिलती है, साथ ही घर में धन की वर्षा होती है.

  2. घर के दरवाजे पर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं और मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का तोरण लगाएं. ऐसा करने से देवी-देवता खुश होते हैं और घर-परिवार में खुशहाली आती है.

  3. कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी के किनारे घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से जीवन की परेशानियां कम होती हैं.

  4. इस दिन शिवलिंग की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती हैं. शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और गंगा जल का पंचामृत चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. 


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