नई दिल्ली: 26/11 का वो मंजर हर हिंदुस्तानी को याद है. 12 साल पहले मिले जख्मों को कोई नहीं भुला सकता.  इस हमले में लोगों की जान बचाने में कई वीर जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने प्राणों की आहूति दी. उनके अदम्य शौर्य और साहस की बदौलत ये हमला जितना खतरनाक हो सकता था, उतना नहीं हो पाया. मुंबई को इस आतंकी हमले से बाहर निकालने में कई हीरो आपको याद होंगे, लेकिन आज हम आपको उन चार ब्रेव स्निफर डॉग्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने पाक आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शक की आग में घर बर्बादः पत्नी को चाकू मारा खुद को भी घायल किया, बेटी बचकर भागी


बचा लिया था मुंबई को धमाकों से
यकीन मानिए अगर ये चार हीरो नहीं होते थे मुंबई हमले में न जाने कितने और बेगुनाहों की जान चली जाती. टाइगर, मैक्स, सीजर और सुलतान ये वो चार बहादुर स्निफर डॉग्स थे, जिन्होंने बड़ी मात्रा में RDX, ग्रेनेड और डेटोनेटर खोजने में भारतीय सुरक्षा एजेंसी की मदद की थी.


26/11: ताज​` में शान से लगा है छत्तीसगढ़ का कल्पवृक्ष, आतंकियों की अंधाधुंध फायरिंग में भी नहीं आई खरोंच


नहीं भुलाया जा सकता उनका योगदान
उस दौर के ये हीरो भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन देश के नागरिकों की जान बचाने में किए गए उनके बहादुरी भरे कार्य ने ये साफ संदेश दिया था कि देश सिर्फ यहां रहने वाले इंसानों का ही नहीं है, बल्कि देश पर आने वाले खतरे के सामने इस देश में रहने वाला हर जीव अपना सर्वस्व देने को तैयार है. टाइगर, मैक्स, सीजर और सुलतान को आज भी याद किया जाता है.


Video: भ्रामरी में 'फेल' तो अनुलोम-विलोम में 'पास' हुए बाबा रामदेव


8 किलो RDX, 25 ग्रेनेड खोजा था मैक्स ने
2004 मे जन्मे मैक्स को बम डिटेक्शन और डिस्पोजल स्क्वॉयड में जब शामिल किया गया था तब वह एक पपी था. पुणे में उसे ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. आधिकारिक तौर पर उसे 2005 में स्क्वॉयड में शामिल किया गया था. 26/11 हमले के दौरान मैक्स ने आठ किलो आरडीएक्स, 25 ग्रेनेड और चार डेटोनेटर व बॉल बियरिंग का पता लगाकर कई लोगों की जानें बचाई थी.  इस बहादुरी के लिए उसे गोल्ड मेडल से भी नवाजा गया. मैक्स को यह मेडल बॉलीवुड के बादशाह अमिताभ बच्चन ने पहनाया था. मुंबई पुलिस को 10 वर्ष की सेवा देने के बाद मैक्स 2015 में रिटायर हो गया. 8 अप्रैल, 2016 को उसकी मौत हो गई थी.


Mumbai Attack: अमेरिका का वो गुमनाम सैनिक जिसने बचाई थी 157 लोगों की जान


सुलतान ने लगाया था अहम सुराग का पता
इस हमले में लोगों को बचाने में सुलतान और टाइगर की भी बड़ी भूमिका रही है. दोनों ने गोरेगांव यूनिट ऑफ बम डिटेक्शन ऐंड डिस्पोजल स्क्वॉयड (BDDS) के लिए काम किया. 26/11 हमले की जांच में गुनहगारों तक पहुंचने में सुल्तान ने कई अहम सुराग दिलवाए. किडनी की बीमारी के चलते जून 18, 2016 में सुल्तान की मौत हो गई.


Video: चमचमाते कपड़े पहन आया, ज्वैलरी-कैश से भरा बैग ले उड़ा


हमले के बाद भी कई दिनों ताज के बाहर ड्यूटी पर तैनात था टाइगर
26/11 मुंबई आतंकी हमले के दौरान स्नीफर डॉग टाइगर ने विस्फोटक सामग्री का पता लगाने में काफी मदद की. हमलों के बाद भी टाइगर कई दिनों तक कोलाबा में ताज महल होटल के बाहर ड्यूटी पर तैनात था. मई 2015 में वह रिटायर हो गया. जुलाई 2016 में उसकी मौत हो गई थी.


जवां रहने के लिए कुंवारी लड़कियों के खून से नहाती थी ये खूंखार महिला सीरियल किलर


CST स्टेशन पर 2 ग्रेनेड खोज निकाले थे मैक्स ने
स्निफर डॉग सीजर की मदद से पुलिस कई लोगों की जान बचाने में कामयाब रही. सीजर ने सीएसटी रेलवे स्टेशन, नरीमन हाउस आदि में सघन जांच में पुलिस का साथ दिया था. सीजर ने सीएसटी स्टेशन पर दो ग्रेनेड का पता लगाया था. लेब्राडोर प्रजाति के सीजर ने मुंबई पुलिस को 2005 से 2013 तक बतौर डॉग स्क्वायड सेवा दी थी. रिटायरमेंट के बाद सीजर को विरार के एक फॉर्म में भेज दिया गया था. यहीं बाद में उसकी मौत हुई. सीजर ने 14 अक्टूबर, 2016 को अंतिम सांस ली. वह मुंबई हमले में आतंकियों का पता लगाने वाले डॉग स्क्वायड का आखिरी कुत्ता था.


Video आपको विचलित कर सकता है!! हॉस्पिटल के स्ट्रेचर पर रखे बच्ची के शव को कुत्ता नोच रहा है...


मरे तो एक ही जगह बनी चारों की कब्र
मुंबई हमले के इन हीरोज को मुंबई में एक ही जगह पर दफनाया गया है. चारों की कब्रों की ऊपर सम्मानपूर्वक Mumbai Bomb Blast Hero लिखे पत्थर लगाए गए हैं. उन चारों को विरार के फर्म में दफनाया गया है.  इन चारों को बाकायदा राजकीय सम्मान के साथ दफनाया गया था. टाइगर के अंतिम संस्कार में तो दूसरे डॉग्स को भी लगाया गया था जो उसके साथ फार्म में थे.


WATCH LIVE TV