भोपालः मध्य प्रदेश की दमोह विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीख का ऐलान होते ही बीजेपी ने जीत का दम भरना शुरू कर दिया है. दमोह के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव ने चुनाव की घोषणा के बाद कहा हम दमोह उपचुनाव जीतने जा रहे हैं. उन्होंने कहा की बीजेपी किसी भी चुनाव के लिए हर वक्त तैयार रहती है इसलिए दमोह चुनाव में जीत बीजेपी की होगी. 


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पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं हैः भार्गव 
वहीं जब गोपाल भार्गव से दमोह में बीजेपी की गुटबाजी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है. गोपाल भार्गव ने कहा कि अगर कोई नाराज होगा भी तो हम नेताओ से बात कर लेंगे और समय रहते सब ठीक कर लिया जाएगा. क्योंकि बीजेपी में कोई नेता चुनाव नहीं लड़ता बल्कि पार्टी का संगठन चुनाव लड़ता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है, हमारे कार्यकर्ता हर चुनाव के लिए तैयार रहते हैं. इसलिए दमोह उपचुनाव के लिए सभी कार्यकर्ता तैयार है. चुनाव की घोषणा होने के बाद पार्टी अपनी तैयारियां और तेज कर देगी. 


दरअसल, दमोह विधानसभा सीट पर बीजेपी के कद्दावर नेता जयंत मलैया लगातार सात चुनाव जीते हैं, लेकिन 2018 में वह राहुल सिंह लोधी से हार गए. अब जब राहुल लोधी खुद बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उपचुनाव के लिए प्रत्याशी के रूप में उनके नाम का ऐलान कर दिया है. क्योंकि उपचुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से राहुल लोधी के अलावा पूर्व मंत्री जयंत मलैया भी प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन अंत में राहुल लोधी के नाम पर मुहर लगा दी गई है. लेकिन उनके नाम की घोषणा होते ही जयंत मलैया के बेटे और बीजेपी नेता सिद्धार्थ मलैया का बयान भी सामने आया था. जिसमें उन्होंने राहुल लोधी को प्रत्याशी बनाए जाने की बधाई तो दी थी, लेकिन साथ में यह भी कहा कि 'अभी टिकिट मिला है, चुनाव लड़ना बाकी है.' ऐसे में पार्टी में गुटबाजी की बात भी सामने आ रही है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव की घोषणा के बाद जयंत मलैया का अगला कदम क्या होगा. 


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कांग्रेस ने भी भरा जीत का दम 
बीजेपी के अलावा कांग्रेस ने भी दमोह उपचुनाव में जीत का दावा कर दिया है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक लाखन सिंह यादव ने कहा कि अमूमन सत्ता पक्ष उपचुनाव जीतता है. लेकिन इस बार कांग्रेस जीतेगी. उन्होंने कहा कि हम पूरी ताकत से मैदान में उतरेंगे और चुनाव जीतेंगे. वहीं चुनाव की तारीख का ऐलान होने पर लाखन सिंह ने कहा कि यह सोचने वाली बात है कि  उपचुनाव हो रहे है पर नगरीय निकाय चुनाव नहीं हो रहे है. क्योंकि भाजपा को नगरीय निकाय चुनाव में हार का डर सता रहा है. 


राहुल लोधी के इस्तीफे से खाली हुई थी दमोह सीट 
दमोह विधानसभा सीट कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी के इस्तीफे से खाली हुई थी. राहुल सिंह लोधी 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार दमोह विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. राहुल ने इस चुनाव में 7 बार से लगातार चुनाव जीत रहे बीजेपी के कद्दावर नेता और तत्कालीन वित्तमंत्री जयंत मलैया को शिकस्त थी, लेकिन 15 महीने बाद कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद प्रदेश में चली राजनीतिक उठापठक के बीच उपचुनाव के दौरान राहुल सिंह लोधी ने अचानक 25 अक्टूबर 2020 को पद से इस्तीफा दे देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. बीजेपी में शामिल हो गए थे. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल को बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी. जबकि शिवराज सरकार ने उन्हें वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कारपोरेशन का चेयरमैन बनाया है. इसके अलावा राहुल को बीजेपी ने प्रत्याशी भी बनाने का ऐलान भी कर दिया है.


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