रात में जागने वाले जरूर पढ़ें ये खबर, क्यों नहीं आती नींद? यहां जानें...
कई बार जो लोग तनाव या डिप्रेशन में होते हैं उन्हें भी ये परेशानी होती है. इसका असर व्यक्ति के दिमाग पर भी पड़ सकता है और नींद में बोलना, चलना जैसी परेशानियां भी पैदा हो सकती हैं.
नई दिल्ली: आजकल ज्यादातर लोगों में अनिद्रा की परेशानी देखी जाती है. ऐसे लोग रातभर जागते हैं, काफी कोशिश करने के बाद भी इन्हें 3-4 घंटे से ज्यादा नींद नहीं आती. जिसका असर इनकी सेहत और दिनचर्या पर पड़ता है. इन लोगों में तनाव, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, कमजोरी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं.
स्लीपिंग डिसऑर्डर के बारे में आज हम आपको कई ऐसी बातें बताएंगे जो आपके लिए मददगार साबित हो सकती है. साथ ही जिन्हें नींद नहीं आती उनके लिए कुछ टिप्स देंगे जिन्हें फॉलो करने से फायदे हो सकते हैं.
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सबसे पहले हम आपको नींद ना आने के कुछ कारण बताएंगे. जो आपके स्लीपिंग डिसऑर्डर का कारण हो सकता है. कई बार जो लोग तनाव या डिप्रेशन में होते हैं उन्हें भी ये परेशानी होती है. इसका असर व्यक्ति के दिमाग पर भी पड़ सकता है और नींद में बोलना, चलना जैसी परेशानियां भी पैदा हो सकती हैं.
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स्लीपिंग डिसऑर्डर के लक्षण
स्वभाव में चिड़चिड़ापन
दिनभर थकावट रहना
बेचैनी होना
देर रात तक नींद का न आना
दिन के वक्त सुस्त रहना
घबराहट होना
किसी काम में मन ना लगन
अवसाद होना
स्लीपिंग डिसऑर्डर के नाम
इंसोम्निया (Insomnia)
लंबे समय तक नींद ना आने की परेशानी को इंसोम्निया कहा जाता है. ऐसे में कई तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
सरकेडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर (Circadian Rhythm Sleep Disorder)
सरकेडियन रिदम डिसऑर्डर में व्यक्ति रात में नहीं सोता और दिन में नींद में रहता है. ऐसा ज्यादातर नाइट शिफ्ट में काम करने वाले, लम्बे रूट की गाड़ियों के ड्राइवर, ट्रक ड्राइवर आदि के साथ होता है.
स्लीप एप्निया (Sleep apnea)
स्लीप एप्निया में लोगों को सोते समय सांस लेने में परेशानी होती है. उनकी सांस बार-बार बंद होने लगती है जिसके कारण उनकी नींद खराब होती है और शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन भी नहीं मिल पाती है.
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डीलेड स्लीप फेज सिंड्रोम (Delayed sleep phase disorder)
स्लीप डिसऑर्डर में व्यक्ति देर तक सोता है, जिसके कारण उसके सारे काम टलने लगते हैं. इससे बचने के लिए उन्हें दिन में सोने से बचना चाहिए और अपने सोने के समय को निश्चित करना चाहिए.
हाइपरसोमनिया
हाइपरसोमनिया इंसोम्निया का उलटा होता है. इसमें लोगों को थोड़ी-थोड़ी देर में नींद आती है. इस डिसऑर्डर में लोग सामान्य से ज्यादा सोते हैं और भरपूर नींद लेने के बाद भी फ्रेश महसूस नहीं करते. ऐसे लोगों में पूरा दिन सुस्ती बनी रहती है.
नींद आने के लिए कुछ टिप्स
1.सोने से पहले गर्म दूध पिएं
2. अपनी डाइट में पौष्टिक आहार जैसे हरी सब्जी, दाल, रोटी, चावल और सलाद आदि शामिल करें.
3.हफ्ते में 4 से 5 दिन फुट मसाज करें.
4.अपनी दिनचर्या में योगा को शामिल करें
5.डिनर के बाद वॉक करें.
6.सिगरेट और नशे से बचें.
7.चाय या कॉफी का सेवन कम करें.
8. समय पर सोने की कोशिश करें.
9. बिस्तर को साफ रखें.
10. सोते वक्त मोबाइल में टाइमपास ना करें.
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