निकाय चुनाव के बाद पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में दर्ज हुई याचिका, समझिए पूरा मामला
पंचायत चुनाव के लिए की गई आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी.
जबलपुरः मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए की गई आरक्षण की प्रक्रिया के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. सीधी जिले के मझौली जनपद के पूर्व सरपंच ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पंचायत चुनाव के लिए दौबारा से आरक्षण कराने की मांग की थी. जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
इस वजह से लगाई गई थी याचिका
दरअसल, याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर 1 साल पहले आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी किया गया था, लेकिन इसके बाद दो बार मतदाता सूची में परिवर्तन किया जा चुका है. इस लिहाज से पंचायत चुनाव के लिए किए गए आरक्षण को अब बदलना होगा. क्योंकि दो बार दो बार मतदाता सूची में परिवर्तन होने से सभी पंचायतों में समीकरण और जातिगत आंकड़े बदल सकते हैं.
याचिका में कोरोना का मुद्दा भी उठाया गया
वहीं इस याचिका में कोरोना का मुद्दा भी उठाया गया, याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्तमान में मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो रहा है, लगातार नए मरीज सामने आ रहे हैं. मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. ऐसे में अगर पंचायत चुनाव आयोजित करवाए जाते हैं तो फिर कोरोना संक्रमण का संक्रमण और बढ़ सकता है. लिहाजा जब तक मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी पर काबू नहीं पाया जाता तब तक चुनाव ना कराए जाए.
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हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जारी किया नोटिस
पंचायत चुनाव के लिए दायर की गई याचिका पर सभी दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. नोटिस के जरिए हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए की गई आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर दो हफ्तों में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने नगरीय निकाय चुनाव की आरक्षण प्रकिया पर भी रोक लगा रखी है.
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