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यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल MP की ये 6 धरोहरें, जानिये आखिर क्यों हैं खास?

MP 6 Heritage in UNESCO: यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर ने मध्य प्रदेश के छह ऐतिहासिक स्थलों को अपनी अस्थायी सूची में शामिल किया है. इस स्थल में ग्वालियर का किला, धमनार ऐतिहासिक समूह, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, चंबल घाटी का रॉक आर्ट स्थल, बुरहानपुर का खूनी भंडारा और रामनगर मंडला का गोंड स्मारक शामिल हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि यह धरोहर क्यों खास हैं? 

 

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इसे लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुशी जताई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट (X) पर लिखा कि मध्य प्रदेश की महान संस्कृति और सभ्यता विश्व पटल पर भी स्थापित हो रही है. प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं.

 

 

ग्वालियर किला

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ग्वालियर किला

अपनी अभेद्य सुरक्षा के लिए जाना जाने वाला ग्वालियर किला एक पहाड़ी पर स्थित है. ग्वालियर शहर में गोप पर्वत पर स्थित इस किले का निर्माण 9वीं शताब्दी में राजा मान सिंह तोमर ने करवाया था. इतिहासकारों के अनुसार ग्वालियर किले की पहली नींव छठी शताब्दी ईस्वी में राजपूत योद्धा सूरज सेन ने रखी थी.

 

धमनार ऐतिहासिक समूह

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धमनार ऐतिहासिक समूह

धमनार गुफाएं मंदसौर जिले के धमनार गांव में स्थित हैं. इनमें बने आवास और नक्काशीदार मूर्तियां 7वीं शताब्दी का साक्ष्य प्रस्तुत करती हैं. यहां पत्थरों को काटकर 51 गुफाएं, रास्ते, छोटे-छोटे आवास और गौतम बुद्ध की मूर्ति समेत कई मूर्तियां बनाई गई हैं. इस स्थल में गौतम बुद्ध की बैठी हुई और निर्वाण मुद्रा में एक विशाल मूर्ति शामिल है.

 

भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर

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भोजेश्वर महादेव मंदिर भोजपुर

भोपाल से सटे रायसेन जिले के भोजपुर में भोजेश्वर महादेव मंदिर का विशाल शिवलिंग वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है. इसे राजा भोज के समय तैयार किया गया था. कहा जाता है कि यह शिवलिंग एक ही पत्थर से उकेरा गया है.

 

चंबल घाटी की रॉक कला

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चंबल घाटी की रॉक कला

मध्य प्रदेश में कई जगहों पर रॉक कला मौजूद हैं. इन्हीं जगहों में से एक है चंबल घाटी. यहां की प्राकृतिक चट्टानों पर शैल कलाएं पाई गई हैं, जो पुरातत्व में रुचि रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती हैं.

 

खूनी भंडारा, बुरहानपुर

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खूनी भंडारा, बुरहानपुर

खूनी या कुंडी भंडारा बुरहानपुर में स्थित है, जो 407 साल पहले तैयार की गई थी.  इसे उस समय पानी की आपूर्ति के लिए बनाया गया था, जो आज भी लोगों के लिए उपयोगी है.इसका निर्माण 1615 में बुरहानपुर के शासक अब्दुर्रहीम खानखाना ने करवाया था.

 

राम नगर, मंडला

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राम नगर, मंडला

वर्ष 1667 में गोंड राजा हृदय शाह ने नर्मदा नदी के तट पर मोती महल बनवाया था. मंडला जिले का रामनगर गोंड राजाओं का गढ़ हुआ करता था. पांच मंजिला महल सीमित संसाधनों और तकनीक के बावजूद राजा की इच्छाशक्ति की गवाही देता है.