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नीमच के 'बिल्लम बाउजी' कुंवारों की बना देते हैं जोड़ी, दर्शन मात्र से हो जाती है शादी!

नीमच/प्रीतेश शारदा: आज तक हमने कई देवताओं के नाम सुने हैं, जो लोगों के कष्ट दूर करते है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देवता के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें कुंवारों के देवता के नाम से जाना जाता है. दरसअल मध्यप्रदेश के नीमच जिले के जावद नगर में एक ऐसे देवता है. जिन्हें लोग 'बिल्लम बावजी' के नाम से जानते है.

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मध्यप्रदेश के नीमच जिले के जावद में कुंवारों के देवता हैं. जिन्हें 'बिल्लम बावजी' के नाम से जाना जाता है.

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हर साल रंग पंचमी पर विधि विधान से पूजा-अर्चना कर नगरवासियों द्वारा इन्हें विराजित किया जाता है.

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लोगों का कहना है कि हम ''बिल्लम बावजी' की प्रतिमा को रंग पंचमी के दिन स्थापित करते है. बिल्लम बावजी 9 दिन रंग तेरस तक विराजित रहते हैं और बाद में मंदिर के अंदर इनकी स्थापना कर दी जाती है.

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दरअसल मान्यता है कि इस प्रतिमा के जो कुंवारे लोग दर्शन करते है. उनकी जल्द ही शादी हो जाती है. यहां कुंवारे लोगों को परिजन लेकर आते है और मन्नत मांगते है. तो जल्द ही कुंवारों की शादी हो जाती है.

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कई ऐसे कुंवारे हैं, जिन्होंने यहां पर अर्जी लगाई और उनकी शादी हो गई. यह प्रक्रिया करीब 35 सालों से चली आ रही है और सभी कुंवारे यहां मन्नत मांगते है.

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'बिल्लम बाउजी'' नीमच जिले के जावद नगर के धानमंडी स्तिथ बड़े गणेश जी के मंदिर के यहां कुएं के पास विराजमान हैं और यहां कई दूर दराज से लोग मन्नत मांगने आते है.

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यहां चढ़ावे में सिर्फ नारियल, अगरबत्ती चढ़ा कर धोक देने से कुंवारों की शादी हो जाती है.

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रंगतेरस के दिन बिल्लम बाउजी नगर में भ्रमण पर भी निकलते है. आपको बता दें कि लोगों के अनुसार यहां पर दर्शन करने से अब तक सैंकड़ों शादियां हो चुकी है.