सीधी बस हादसे पर PM मोदी ने कही ये बात, केंद्र और राज्य ने किया इतने लाख मुआवजे का ऐलान
सीधी बस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया है. केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से मुआवजे का ऐलान कर दिया गया है.
भोपालः सीधी बस हादसे (Sidhi Bus Accident) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दुख जताया है. उन्होंने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड (PM National Relief Fund) से 2-2 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है. जबकि गंभीर रूप से घायल मरीजों को पीएम रिलीफ फंड से 50,000 रुपए दिए जाएंगे.
इसके अलावा राज्य सरकार की तरफ से भी हादसे में मरने वालों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने सीधी की घटना पर केंद्र सरकार द्वारा दी गई सहायता राशि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है. पीएमओ की तरफ से ट्वीट करते हुए सीधी बस हादसे पर मुआवजे का ऐलान किया गया है. ''ट्वीट में लिखा गया है कि एमपी के सीधी में बस दुर्घटना भयावह है शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना. स्थानीय प्रशासन बचाव और राहत कार्य में सक्रिय रूप से शामिल है'', इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
शिवराज सरकार ने भी किया मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री का कहना है कि वह लगातार सीधी जिले के कलेक्टर और एसपी के संपर्क में हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के साथ बैठक की है, बताया जा रहा है कि बस परिवहन को लेकर राज्य सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है. राज्य सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट और रामखिलावन पटेल मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया है.
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मंत्री तुलसी सिलावट और रामखिलावन पटेल मौके पर पहुंचे
मंत्रियों ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना की घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि जो बस नहर में गिरी उसमें 32 सवारियों के बैठने की क्षमता थी, लेकिन बस में करीब 60 यात्री थे. गोविंद सिंह राजपूत के मुताबिक बस में रेलवे की परीक्षा देने जा रहे युवकों के अलावा क्रिकेट खेलने जा रह बच्चे सवार थे.
बस का रूट बदलने की वजह से हुआ हादसा
पुलिस ने बताया कि बस का रूट बदलने की वजह से यह हादसा हुआ है. सीधी से निकलने के बाद छुहिया घाटी से होते हुए बस को सतना तक जाना था. झांसी-रांची स्टेट हाईवे की सड़क खराब और अधूरी है, इस कारण यहां आए दिन जाम लग जाता है. ड्राइवर ने इसी कारण रास्ता बदल लिया था. नहर से खबर लिखे जाने तक 45 शव बरामद किए गए थे, 7 यात्रियों को नहर से सरक्षित बाहर निकाला गया था.
इससे पहले भी हो चुके हैं कई भीषण हादसे
सीधी-सतना के इस मार्ग पर अब तक 3 बड़े हादसे हो चुके हैं. पहला हादसा साल 1988 में हुआ था. जब लिलजी बांध में बस जा गिरी थी. उस हादसे में 88 यात्रियों की मौत हुई थी. इसके बाद दूसरा हादसा 18 नवंबर 2006 में हुआ था जब यात्रियों से भरी एक बस गोविंदगढ़ तालाब में गिर गई थी, इस दुर्घटना में 68 यात्रियों की मौत हुई थी. सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर जब इस रास्ते पर जोखिम का अंदाजा था, पहले भी हादसे हो चुके थे तो ड्राइवर ने लोगों की जान से खिलवाड़ क्यों किया? साथ ही प्रशासन इस रूट पर भारी वाहनों को प्रवेश कैसे देता है ?
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