MP News: मालवा में बीजेपी का बड़ा दांव, सियासत में फिर एक हुआ इंदौर के 'बाल ठाकरे' का परिवार
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MP News: मालवा में बीजेपी का बड़ा दांव, सियासत में फिर एक हुआ इंदौर के 'बाल ठाकरे' का परिवार

Sanjay Shukla Join BJP: संजय शुक्ला के पिता विष्णु प्रसाद शुक्ला को इंदौर का बाल ठाकरे कहकर बुलाते थे. उन्होंने इंदौर में बीजेपी का संगठन को मजबूत करने का काम किया. आज उनके बेटे बीजेपी में शामिल हो गए.

MP News: मालवा में बीजेपी का बड़ा दांव, सियासत में फिर एक हुआ इंदौर के 'बाल ठाकरे' का परिवार

Sanjay Shukla Join BJP: मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के साथ ही इंदौर की विधानसभा-1 से पूर्व विधायक संजय शुक्ला और देपालपुर से पूर्व विधायक विशाल पटेल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. राजधानी भोपाल स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचकर ये नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं. हालांकि संजय शुक्ला का बीजेपी में आना कोई नई बात नहीं है.

बता दें कि इंदौर की विधानसभा-1 सीट के पूर्व विधायक संजय शुक्ला के भाजपा में जाने के बाद इंदौर के राजनीतिक समीकरण भी बदल गए है.

बीजेपी में शामिल होने पर क्या बोले संजय शुक्ला
बीजेपी में शामिल होने से पहले संजय शुक्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजेपी के द्वारा जो राम मंदिर बनाया गया था, उसे कांग्रेस ने ठुकराया था. हमें इसी बात का बुरा लगा था. इसी के चलते हमने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है. 

सुरेश पचौरी के बेहद करीबी
आपको बता दें कि पूर्व विधायक संजय शुक्ला को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी का कट्टर समर्थक माना जाता है. राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा चलती है कि कांग्रेस में संजय शुक्ला को शामिल करवाने में सुरेश पचौरी का ही हाथ था. अब ये ही कारण है कि संजय शुक्ला ने अपने नेता सुरेश पचौरी के साथ कांग्रेस का दामन छोड़ दिया. 

हालांकि संजय शुक्ला को साढ़े तीन साल पहले भी भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए थे. हालांकि तब शुक्ला नहीं गए, लेकिन अब अपने राजनीतिक गुरु सुरेश पचौरी के साथ वे भाजपा में शामिल हो गए.

पिता थे इंदौर के बाल ठाकरे
संजय शुक्ला के पिता और इंदौर में 'बड़े भैया' के नाम से मशहूर विष्णु प्रसाद शुक्ला की गिनती इंदौर में भाजपा संगठन को खड़ा करने वाले नेतागणों में होती है. बड़े भैया की राजनीति का तरीका ही ऐसा था कि उन्हें लोग इंदौर का ''बाल ठाकरे'' कहकर बुलाते थे. कहा जाता है कि इंदौर की राजनीति में उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी, कि उनके बिना कोई लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं था. यही वजह थी कि बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के नेता भी उनसे मिलने के लिए पहुंचते थे. उन्हें इंदौर की राजनीति में किंगमेंकर की भूमिका में माना जाता था. हालांकि वो कभी विधायक नहीं बन पाए लेकिन विष्णु प्रसाद शुक्ला हमेशा चाहते थे कि उनके परिवार से कोई विधायक बने. उनकी यह इच्छा उनके छोटे बेटे संजय शुक्ला ने पूरी की थी. उन्होंने बीजेपी के सुदर्शन गुप्ता को हराया था. वहीं 26 अगस्त 2022 को विष्णु प्रसाद शुक्ला का 86 साल की उम्र में निधन हो गया था.

भाई के लिए किया भाजपा का काम
बता दें कि संजय शुक्ला के बड़े भाई राजेंद्र शुक्ला को भाजपा ने 2003 विधानसभा चुनाव का टिकट दिया था. तब मतदान से पहले कांग्रेस पार्षद रहे संजय शुक्ला ने खुलकर भाजपा का काम चुनाव में किया था. तब राजेंद्र के सामने चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन जोशी ने प्रमाण सहित उनकी शिकायत कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों से भी की थी. हालांकि राजेंद्र शुक्ला ये चुनाव 4 हजार 962 वोटों से हार गए थे.

कैसे भाजपा में एक हुआ परिवार?
संजय शुक्ला के बीजेपी में शामिल होते ही अब पूरा शुक्ला परिवार एक हो गया है. दरअसल 2023 के विधानसभा चुनाव में इंदौर-3 विधानसभा सीट से गोलू शुक्ला बीजेपी के विधायक चुने गए हैं. गोलू शुक्ला कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के ही भतीजे हैं. अब संजय की वापसी से ये पूरा परिवार एक हो गया है. बता दें कि करीब एक साल पहले दोनों परिवार एक ही घर में रहते थे.

विजयवर्गीय और शुक्ला के पारिवारिक संबंध
वहीं संजय शुक्ला और कैलाश विजयवर्गीय के पारिवारिक संबंध भी काफी रहे हैं. मीडिया में सार्वजनकि तौर पर संजय शुक्ला, कैलाश विजयवर्गीय को पिता तुल्य बता चुके हैं. इंदौर-3 से कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश ने गोलू शुक्ला के लिए अपनी सीट छोड़ दी थी तो वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने चुनाव जीतने के बाद कहा था कि मैं संजय को साथ लेकर ही इंदौर-1 में विकास करना चाहता हूं. वहीं संजय शुक्ला ने भी आज कहा कि बीजेपी मेरा परिवार था, और अब मैं अपने परिवार में वापस आया हूं.

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