मंदसौर: मंदसौर के शिक्षा विभाग में छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है. मामले का खुलासा तब हुआ जब एमबीबीएस छात्र ने इसकी शिकायत की कि उसे एमबीबीएस कॉलेज में छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही है. जब इसकी जांच की तो पाया कि उसका नाम 8वीं कक्षा में छात्रवृत्ति में दर्ज है और उस पर छात्रवृत्ति भी निकाली जा रही है.   


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बता दें कि मामला सामने आने के बाद अब आला अधिकारी मामले की जांच की बात कहते दिखाई दे रहे हैं. अब आशंका जताई जा रही है कि बड़े पैमाने पर 12वीं पास कर चुके छात्र-छात्राओं के नाम फर्जी तरीके से सातवीं से लेकर 9वीं तक के छात्र के रूप में दर्ज कर उनके नाम से छात्रवृत्ति निकालकर घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है.


कलेक्टर की जांच में खुलासा
कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि मेरे पास दो बार शिकायत आई कि एक बच्चा रतलाम MBBS कॉलेज में पढ़ रहा है लेकिन उसकी छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है. जब मैंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि उस बच्चे का नाम 8वीं की छात्रवृत्ति लिस्ट में दर्ज है. यहां उसे छात्रवृत्ति मिल रही है. जिस कारण MBBS की  छात्रवृत्ति उसे नहीं मिल पा रही है. वहीं कलेक्टर ने कहा कि यह भी पता चला कि कुछ लोग जो हायर एजुकेशन कर रहे है या पढ़ाई छोड़ चुके है, उनके नाम से री-एडमिशन 7वीं-8वीं में जोड़ कर छात्रवृत्ति निकालने का प्रयास किया गया है. इसकी जांच करवाई जा रही है. हमे लगता है कि इसमें काफी अनियमितताएं देखने को मिलेगी.


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इस मामले की जड़ तक जाएंगे
मंदसौर जिले में हुए इस बड़े घोटाले में कुछ छात्र-छात्राओं द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज करवाई थी, लेकिन इसका निराकरण नहीं हो पाया था. लेकिन अब घोटाले का मामला सामने आने के बाद कलेक्टर का कहना है कि छात्रवृत्ति घोटाला सामने आने के बाद इसकी घहन जांच की जाएगी. इसमें प्रारंभिक तौर पर जिला शिक्षा अधिकारी, बैंक के अधिकारी, छात्रवृत्ति प्रभारी की मिलीभगत मुख्य रूप से सामने आई. हम इसकी जड़ों तक जाएंगे, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.


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