मध्य प्रदेश में बीजेपी के सीनियर विधायकों के बीच बैठक हुई है. जिससे प्रदेश में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है.
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भोपालः मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि मध्य प्रदेश में जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है. हालांकि अब तक प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार से संबंधित कोई खबर सामने नहीं आई है. लेकिन मंत्री पद के दावेदार सीनियर विधायकों की बैठक से एक बार फिर प्रदेश के सियासी गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा शुरू हो गई है.
अजय विश्नोई के बंगले पर हुई विधायकों की बैठक
दरअसल, अपने बयानों अपनी ही सरकार को कई बार घेर चुके बीजेपी के सीनियर विधायक अजय विश्नोई भोपाल आवास पर आज बीजेपी के सीनियर विधायकों की बैठक हुई. इस दौरान सभी विधायकों की बंद कमरे में चर्चा हुई. खास बात यह है कि इस बैठक में बीजेपी के अधिकतर वे विधायक शामिल थे जो मंत्रीपद के दावेदार है.
अजय विश्नोई के निवास पर राजेन्द्र शुक्ला, केदार शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन, नागेंद्र सिंह और यशपाल सिंह सिसोदिया पहुंचे. सभी विधायकों के बीच काफी देर तक बातचीत भी हुई. मंत्री पद के पांच दावेदारों का अचानक अजय विश्नोई के निवास पर जुटने से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है. खास बात यह है कि इस बैठक में पूर्व मंत्री दीपक जोशी भी शामिल हुए थे. यशपाल सिंह सिसोदिया को छोड़कर सभी चार विधायक विंध्य अंचल से आते है, जबकि अजय विश्नोई महाकौशल से आते हैं. इन दोनों अंचलों के सीनियर विधायक लगातार मंत्री बनाए जाने की मांग करते रहे हैं.
फिलहाल सरकार में चार मंत्री पद खाली
दरअसल, शिवराज सरकार में 31 मंत्री है, जबकि चार मंत्री पद खाली है. ऐसे में कई विधायक मंत्री पद पाने की आस लगाए बैठे हैं. हालांकि बैठक में शामिल होने पहुंचे विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि यह सामान्य बैठक थी, विधायकों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं जब उनसे मंत्री पद को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि किसी को मंत्री बनाना मुख्यमंत्री का विशेष अधिकार है, फिलहाल कैबिनेट में चार जगह खाली है, आज बैठक में शामिल हुए सभी विधायक मंत्री के लिए पात्र है. यही वजह है कि इस बैठक को सत्ता और संगठन के बीच दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा है.
मंत्री पद चार, दावेदारों की लंबी लाइन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चौथी पारी में सीएम के सामने कैबिनेट विस्तार को लेकर लंबे समय से नामों को लेकर उलझन जारी है. मध्य प्रदेश सरकार में फिलहाल मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट में कुल 31 सदस्य हैं. जबकि अधिकतम सदस्यों की संख्या 35 हो सकती है. फिलहाल कुल चार पद खाली हैं, जिसके लिए टकटकी लगाने वालों में शिवराज के पूर्व मंत्रियों के अलावा वरिष्ठ नेता भी हैं.
15 विधानसभा का ढाई साल का कार्यकाल बीत चुका है. अगली चुनावी तैयारियों के लिहाज से दो साल का समय बचा है. ऐसे में दावेदार कैबिनेट में दाखिल होने में देरी नहीं चाहते. पिछले साल मार्च में भाजपा सरकार बनने के बाद दो बार कैबिनेट विस्तार किया गया है. जिसमें पहले कैबिनेट विस्तार में सभी 26 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. जबकि 28 सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार में केवल दो मंत्रियों को शपध दिलाई गई थी. जबकि मंत्री रहते हुए इमरती देवी, गिर्राज डंडौतिया और एंदल सिंह कंसाना चुनाव हार गए थे. जिसके बाद तीनों ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में रिक्त चल रहे एक पद के साथ तीन हारे हुए मंत्रियों के पद भी खाली है.
ये हैं मंत्री पद के दावेदार
मध्य प्रदेश में चार मंत्री पद खाली है. लेकिन दावेदारों की लाइन लंबी है. मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले दावेदारों में राजेन्द्र शुक्ला, केदार शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन, नागेंद्र सिंह, यशपाल सिंह सिसोदिया के अलावा रामपाल सिंह, सुरेंद्र पटवा, करण सिंह वर्मा, महेंद्र हार्डिया, सीतासरन शर्मा और सबसे लंबे समय तक प्रोटेम स्पीकर रहे रामेश्वर शर्मा का नाम सामने आता रहा है. हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फिलहाल प्रदेश में कोई सुगबुगाहट नहीं है. लेकिन इन विधायकों की बैठक से चर्चा फिर जरुर शुरु हो गई है.
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