कर्ण मिश्रा/जबलपुर: ''मेरा जबलपुर, मेरा मध्यप्रदेश और मेरे देश की अव्यवस्था को लेकर मेरे दर्द की झलक'' इन शब्दों के साथ जबलपुर से कांग्रेस के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का एक बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि वह कभी जबलपुर से निश्चित ही कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे! पर शहर के हक़ और अधिकारो के लिए आवाज जरूर उठाएंगे. ऐसे में शहर वासी खुद को अकेला और बेबस महसूस ना करे. वह इस दर्द में उनके साथ है.


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शिवराज को दी चेतावनी
इसके साथ ही उन्होंने सीएम शिवराज को एक बड़ी चेतावनी दी है. चेतावनी में उन्होंने साफ कहा है कि उन्हें न्यायालय जाने के लिए मजबूर ना किया जाए. इससे पहले जबलपुर के साथ हो रहे भेदभाव को दूर कर दिया जाए. उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में सीएम शिवराज और मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी पर यह निशाना साधा है. उनका कहना है कि मरीज़, जनसंख्या और ज़रूरत के अनुपात से रेमेडिसिवर का संभागीय कोटा निर्धारित किया जाए. 



जबलपुर के साथ हो रहा अन्याय
ट्वीट में उन्होंने रेमेडिसिवर इंजेक्शन को लेकर लिखा कि इंदौर को 30% का कोटा दिया जा रहा है. तो जबलपुर का अनुपात क्या होना चाहिए ? क्योंकि 25 से 30 % कोटे की जरूरत जबलपुर को भी है. 1 लाख रेमेडिसिवर 30 अप्रैल तक मप्र को मिलेगी, जबकि लगभग 92 हज़ार मिल चुकी है. इसमें जबलपुर को क्या दिया महज चंद हज़ार इंजेक्शन. तंखा ने इसे जबलपुर शहर के साथ अन्याय बताया है.


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जबलपुर के साथ हो रहे भेदभाव को दूर करें
विवेक तन्खा ने सीएम शिवराज को बड़ी चेतावनी देते हुए कहा हैं कि जल्द व्यव्स्थाओं को मजबूत कीजिए और जबलपुर के साथ किये जा रहे भेदभाव को दूर कीजिये. विवेक तंखा का कहना हैं कि जबलपुर उनकी जन्मभूमि नहीं है लेकिन उनकी कर्मभूमि है ऐसे में यहां के लोगों की आवाज उठाना उनका पहला कर्तव्य है.


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