अंशुल मुकाती/इंदौर: देश-विदेश में अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाली भारत रत्न लता मंगेशकर का आज 92वां जन्मदिन है और उनकी जन्मस्थली देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर रहा है. शहर के सिख मोहल्ले के एक मराठी परिवार में उनका जन्म हुआ और आज जन्मदिन के अवसर पर ही सिख मोहल्ला में एक प्रतीक चिन्ह लगाकर उन्हें सम्मान दिया गया. इतना ही नहीं चौराहे का नाम लता के नाम से रखने पर भी विचार किया जा रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

MP के इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण करते हैं अपने पूर्वजों का तर्पण, सदियों से चली आ रही ये अनूठी परंपरा


चौराहे का नाम रखने का प्रस्ताव रखेंगे
सांसद शंकर लालवानी की मौजूदगी में हुए इस आयोजित में लता मंगेशकर के खूबसूरत नगमे भी सुनाए गए. सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि मां अहिल्या की जन्मभूमि में उनका जन्म हुआ है. संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर से चर्चा कर प्रतिमा चिन्ह लगाया है और अब नगर निगम से चर्चा कर चौराहे के नाम को लता मंगेशकर के नाम से रखे जाने का प्रस्ताव रखेंगे.


बता दें संगीत की दुनिया में स्वर कोकिला के नाम से जानी जाने वाली लता मंगेशकर का जन्म इंदौर में उनकी नानी के घर हुआ था. पांच साल की उम्र में ही लता ने अपने पिता से गाना सीखना और एक्टिंग करना शुरू कर दिया था. और जब महज 13 साल थीं, तभी उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया. तब लता ने अपने परिवार को संभालने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई और आज देश दुनिया में देश के गौरव को आगे बढ़ा रही है.


जब जनसुनवाई में पहुंचे खुद ''भगवान'', कलेक्टर से की यह मांग, मामला सुन लोग रह गए हैरान


भारत रत्न लता
लता मंगेशकर ने अब तक करीब 9 दशकों में 1000 से भी ज्यादा हिंदी फिल्मों और 36 से भी ज्यादा भाषाओं में गाने गाये हैं. साल 2001 में उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया. इसके अलावा लता मंगेशकर को 1969 में पद्म भूषण, 1989 में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड और 1999 में पद्म विभूषण से भी नवाजा जा चुका है.