MP के इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण करते हैं अपने पूर्वजों का तर्पण, सदियों से चली आ रही ये अनूठी परंपरा
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MP के इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण करते हैं अपने पूर्वजों का तर्पण, सदियों से चली आ रही ये अनूठी परंपरा

मंदिरों की नगरी पन्ना में मनुष्यों के साथ साथ भगवान जुगलकिशोर सरकार भी अपने पूर्वजों के लिए सफेद वस्त्र धारण कर 16 दिनों तक तर्पण करते हैं.

16 दिनों तक सफेद वस्त्रों में रहते हैं भगवान श्री जुगलकिशोर

पन्नाः हिंदू धर्म की मान्यतानुसार अपने पूर्वजों को तर्पण करने के लिए पितृ पक्ष चल रहा है. द्वापर युग में कर्ण ने इन 16 दिनों में सबसे ज्यादा दान दिया था. इसीलिये ये कर्ण के दिन भी कहलाते हैं. परंपरा के अनुसार लोग अपने पूर्वजों की याद व उनके उद्धार के लिए 16 दिन सुबह से जलाशयों में पानी देने के लिए पहुंच रहे हैं यह परंपरा राजा कर्ण के समय से चली आ रही है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश के शहर में भगवान श्रीकृष्ण अपने पूर्वजों का तर्पण करते हैं. 

पन्ना में भगवान श्रीकृष्ण करते हैं पूर्वजों का तर्पण 
मंदिरों की नगरी पन्ना में मनुष्यों के साथ साथ भगवान जुगलकिशोर सरकार भी अपने पूर्वजों के लिए सफेद वस्त्र धारण कर 16 दिनों तक तर्पण करते हैं. यह परंपरा यहां सदियों से चली आ रही है. दरअसल, पन्ना में जुगलकिशोर भगवान का पुराना मंदिर है. पन्ना में पुरानी मान्यता है कि पन्ना जुगल किशोर भगवान बकायदा सफेद वस्त्र मे अपने पूर्वजों का तर्पण करते है, उनके ये मनोहारी दर्शन साल में सिर्फ एक ही बार होते है. 

16 दिनों तक सफेद वस्त्र धारण करते हैं भगवान जुगल किशोर 
दरअसल, हमेशा रंग बिरगें वस्त्र पहनने वाले भगवान जुगल किशोर 16 दिनों तक केवल सफेद वस्त्रों में रहते हैं. पितृ पक्ष के दिनों में भगवान जुगल किशोर अपनी रंगीन पोशाक को त्याग देते हैं. इसको लेकर मंदिर के पुजारी अवध बिहारी ने बताया कि मान्यता है कि इन 16 दिनों तक भगवान जुगल किशोर अपने पितृों की तरपण करते हैं. इसलिए उन्हें सादे वस्त्र ही पहनाए जाते हैं. पुजारी कहते है कि ये बहुत पुरानी परंपरा है और अब भगवान 16 दिन तक इसी स्वरूप मे लोगों को इसी रूप में दर्शन दे रहे हैं. भगवान श्री कृष्ण के साथ राधाजी ने भी सफेद साडी पहनी है.

दरअसल, यह एक मात्र ऐसा मंदिर बताया जाता है जहां भगवान भी अपने पितरों का तर्पण करते हैं. क्योंकि ये भगवान कभी सखा बन जाते तो कभी ग्वाल बाल तो कभी स्त्री और अब ये भगवान तर्पण इसलिये करते है, क्योकि पन्ना के लोग धन्य धान से परिपूर्ण रहे. लोग कहते है भगवान जुगल किशोर सभी को यही संदेश देना चाहते है कि. जब भगवान स्वंय तर्पण करते है तो अपने पूर्वजों का सभी लोगों को तर्पण करना चाहिये और पूर्वजो के प्रति कृतज्ञ होना चाहिये. 

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