अजय पटवा, नई दिल्ली/उज्जैनः आज सावन का दूसरा सोमवार है. ऐसे में बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल के दर्शन के लिए हजारों की मात्रा में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे. महाकाल की परंपरागत भस्म आरती में शामिल होने के लिए रात 1 बजे से ही मंदिर में भक्तों की लाइन लग गई. वहीं सुबह 2.30  बजे मंदिर में भस्म आरती शुरू हुई जिसमें दूध, दही, घी, शहद, फूल और इत्र आदि से भगवान महाकाल को स्नान कराया गया. मान्यता है की सावन में सोमवार को शिव के दर्शन से जो मांगो वो फल मिलता है. देर रात से ही अलग-अलग शहरों से आये कावड़िये भी मंदिर पंहुचने लगे थे जिन्होंने अल सुबह भगवान महाकाल को विभिन्न नदियों से लाया गया जल अर्पित किया. इस दौरान सभी श्रद्धालु महाकाल की झलक पाने को आतुर दिखाई दिए. भस्म आरती के दौरान महाकाल का भांग से अद्दभुत श्रंगार किया गया. बाबा महाकाल को कुमकुम और फूलों से बाबा के श्रंगार के बाद बाबा की आरती शुरू हुई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भक्तों को महाकाल के दर्शन के लिए 3 से 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ा
ढोल नगाड़ों और मंदिर के घंटियों के बीच झांज मंजीरो के साथ बाबा महाकाल की आरती हुई. जिसमे बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया. सावन में देश-विदेश से लोग बाबा महाकाल के पास अपनी मुरादें लेकर आता है. बता दें सावन के दौरान हर सोमवार बाबा महाकाल की शाही सवारी शहर भ्रमण पर निकलती है. जिसमें चन्द्र मोलेश्वर  के रूप में भगवन शिव उज्जैन का भ्रमण करेंगे. बता दें सुबह भस्म आरती के दौरान मंदिर में इतनी भीड़ थी कि भक्तों को महाकाल के दर्शन के लिए 3 से 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ा.


कावड़ यात्रियों का मंदिर में प्रवेश बंद रखा गया है
वहीं भक्तों की संख्या अधिक होने के कारण शनिवार, रविवार और सोमवार को कावड़ यात्रियों का मंदिर में प्रवेश बंद रखा गया है. मंदिर के पुजारी के मुताबिक इन दिनों मंदिर में भीड़ अधिक होती है. ऐसे में कावड़ियों को प्रवेश देना मुमकिन नहीं है. मंदिर प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि सभी भक्तों को बाबा महाकाल के दर्शन का एक मौका जरूर मिले. क्योंकि भक्तों को हमेशा शिकायत होती है कि सावन के दौरान मंदिर में भक्तों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. 



मंदिर के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा और बचाव दल कर्मचारियों की ड्यूटी 
महाकाल मंदिर परिसर में भक्तों को घंटों खड़े होकर भगवान की झलक पाने का इंतजार करना पड़ता है. वहीं रक्षासूत्र बंधवाने तक के लिए घंटों कतार में खड़े रहना पड़ता है. यही वजह है कि इस दौरान मंदिर प्रशासन ने मंदिर में कांवड़ियों का प्रवेश बंद रखा है. वहीं भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा और बचाव दल कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा रखी है. ताकि किसी भी तरह की अनहोनी न हो.