Azadi Ka Amrit Mahotsav: भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में 4 फरवरी 1922 के दिन का एक अलग महत्व है. इस दिन लाल मुहम्मद, बिकरम अहीर, नजर अली, इन्द्रजीत कोइरी जैसे कई आजादी के मतवालों की अगुवाई में चौरी-चौरा कांड को अंजाम दिया गया. कई जानकार इसे 1857 की क्रांति के बाद आजादी की लड़ाई में सबसे निर्णायक मोड़ मानते हैं. हालांकि, महात्मा गांधी ने इस घटना के बाद असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया....
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